IND vs BAN: अगर भारत नहीं खेलता बांग्‍लादेश के साथ मैच तो क्‍या बच जाती बांग्‍लादेशी हिंदुओं की जान?

Update: 2024-09-20 08:48 GMT

एक तरफ बांग्‍लादेश से रोजाना हिंदुओं पर आत्‍याचार के भयानक मामले सामने आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर भारत में बांग्‍लादेशी टीम के साथ क्रिकेट मैच का आयोजन किया जा रहा है।

IND vs BAN के मैच बीच देश भर से हिंदुओं ने सवाल उठाना चालू कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर #BoycottBangladeshCricket लगातार ट्रेंड कर रहा है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के विरोध में भारतीय हिंदू महासभा ने मैचों का बहिष्कार करने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की अपील की भी है।

हालांकि इतने विरोध के बाद भी भारत और बांग्‍लादेश के बीच मैच जारी है, लेकिन सवाल यही है कि अगर भारत इस बार बांग्‍लादेश के साथ मैच खेलने से मना करता तो क्‍या इससे हिंदुओं पर हो रहे अत्‍याचार पर कोई असर पड़ता।

जवाब है बिल्‍कुल पड़ता, लेकिन कैसे आइए समझते हैं…

क्रिकेट भावनाओं से जुड़ा खेल है और विश्‍व स्‍तर पर क्रिकेट से जुड़ी खबरेंं प्रसारित होती हैं, ऐसा पहली बार नहीं है जब क्रिकेट से किसी अत्‍याचार के मामले को जोड़ा जा रहा है। Black Lives Matter हो या आतंकवाद, ऐसे सभी मुद्दोंं पर क्रिकेटर मैच खेलते हुए ब्‍लेक पट्टी पहनते हैं ताकि ऐसे मुद्दे पूरी दुनिया की खबरों में पहुंच सकें और लोग इस पर चर्चा करें।

अगर भारत, बांग्‍लादेश के साथ यह सीरीज खेलने से मना करता तो जाहिर सी बात है कि पूरी दुनिया को यह पता लगता कि बांग्‍लादेश में मासूम हिंदूओं के साथ जो हत्‍याचार हो रहा है वह गलत है। इससे बांग्‍लादेश की सरकार पर दबाव पड़ता और ना चाहते हुए भी बांग्‍लादेशी सरकार को हिंदुओं के बचाव के लिए कुछ कड़े कदम उठाने पड़ते।

लेकिन ऐसा नहीं हुआ, भारत ने बांग्‍लादेश के साथ मैच खेलकर दुनिया के सामने यह संदेश दिया है कि दोनों देशों के बीच सब कुछ ठीक है।

रोजना बांग्‍लोदश में मारे जा रहे हिंदू, बेटियों के साथ सरेआम हो रहे रेप...

बांग्लादेश में स्थिति काफी अस्थिर बनी हुई है। अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद, मुस्लिमों ने हिंदूओं को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया है। सोशल मीडिया पर बांग्‍लादेश से लगातार ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं जो किसी भी व्‍यक्ति का दिल दहला दें।

मंदिरों को तोड़ा जा रहा है, हिंदुओं को मारा जा रहा है और हिंदू युवतिओं को सड़क पर पीट पीटकर हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

देश छोड़ने को मजबूर हिंदू

हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन ने एक रिपोर्ट अुनसार साल 1964 से लेकर 2013 के बीच 11.3 मिलियन हिंदू बांग्लादेश छोड़कर भारत समेत अलग-अलग देशों में भाग चुके हैं, लेकिन आज स्थिति और भी गंभीर है, शेख हसीना की सरकार के बाद जिस तरह से हिंदूओंं को देश छोड़ने पर मजबूत किया जा रहा है, अगर कुछ कड़े कदम नहीं उठाए गए तो वह दिन दूर नहीं जब बांग्‍लादेश हिंदू मुक्‍त राष्‍ट्र बन जाएगा। 

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