Bhopal News: जयश्री गायत्री फूड कंपनी की मालकिन पायल मोदी ने की आत्महत्या की कोशिश, अस्पताल में भर्ती

Update: 2025-01-30 18:01 GMT

जयश्री गायत्री फूड कंपनी

MP News: जयश्री गायत्री फूड कंपनी की मालकिन पायल मोदी ने गुरुवार को आत्महत्या की कोशिश की। पायल मोदी ने चूहे मार दवा का सेवन कर लिया, जिसके बाद उनकी हालत गंभीर हो गई। उन्हें तुरंत बंसल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। इस घटना से कंपनी और उनके परिवार में हड़कंप मच गया है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है।

जयश्री गायत्री फूड्स प्राइवेट कंपनी की मालकिन पायल मोदी (31 वर्ष) की हालत नाजुक बनी हुई है। पायल मोदी की आत्महत्या की वजह सामने नहीं आई है लेकिन उनकी कंपनी इस समय जांच के घेरे में है। EOW की एफआईआर के बाद ईडी ने जयश्री गायत्री फूड कंपनी के खिलाफ जांच शुरू की थी। इस कांच में करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा हुआ था। करोड़ों रुपए की संपत्ति ईडी ने जब्त कर ली है।

ये है पूरा मामला:

जयश्री गायत्री फूड कंपनी के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। ईओडब्ल्यू की एफआईआर के आधार पर हुई इस रेड में कई खुलासे हुए हैं। छापेमारी में पता चला है कि, दूसरी कंपनी के नाम पर जारी प्रमाण पत्र का उपयोग कर जयश्री गायत्री फूड कंपनी दूध प्रोडक्ट बेचती थी। ईडी ने जयश्री गायत्री फूड कंपनी के मालिक की करोड़ों रुपए की संपत्ति और लग्जरी कार भी जब्त कर ली है।

बताया जा रहा है कि, ईडी ने मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ("जेजीएफ") के मामले में मध्य प्रदेश के भोपाल, सीहोर और मुरैना जिलों में स्थित विभिन्न परिसरों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत 29 जनवरी को तलाशी अभियान चलाया था।

तलाशी में किशन मोदी, पायल मोदी, अमित कुकलोद और अन्य सहित प्रमुख व्यक्तियों के आवासीय परिसर और मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के आधिकारिक परिसर और कारखाने को भी शामिल किया गया था। ये सभी अपराध की आय के कथित लाभार्थी थे।

ईडी ने मेसर्स जयश्री गायत्री फूड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा (EOW), भोपाल द्वारा दर्ज FIR/चार्जशीट के आधार पर जांच शुरू की थी। एफआईआर की जांच से पता चला कि, कंपनी अपने निदेशकों के माध्यम से "जाली लैब प्रमाणपत्रों" का उपयोग करके घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिलावटी दूध उत्पादों के उत्पादन और वितरण में लगी हुई थी।

फर्जी प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल :

अब ईडी की जांच में पता चला कि, मेसर्स जेजीएफ ने मिलावटी दूध उत्पाद बनाए और निर्यात निरीक्षण एजेंसी (ईआईए) इंदौर से निर्यात प्रमाणन प्राप्त करने के लिए BIS/NABL मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं द्वारा जारी किए गए फर्जी प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों का इस्तेमाल किया। इसका इस्तेमाल मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया।

ईडी जांच में खुलासा हुआ है कि, ये प्रमाण पत्र या तो मूल रूप से अन्य कंपनियों को जारी किए गए थे या जाली या धोखाधड़ी से प्राप्त किए गए थे। अब तक की जांच के दौरान, 63 जाली प्रयोगशाला प्रमाणपत्रों की पहचान की गई है, जिनका इस्तेमाल विभिन्न देशों के साथ-साथ घरेलू खपत के लिए मिलावटी दूध उत्पादों के निर्यात के लिए किया गया था।

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