Saurabh Sharma Arrested: सौरभ शर्मा गिरफ्तार, लोकायुक्त के सामने किया सरेंडर ; DG ने की पुष्टि
Saurabh Sharma Arrested : भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। सौरभ शर्मा ने लोकायुक्त पुलिस के सामने जाकर सरेंडर कर दिया है। इसकी पुष्टि लोकायुक्त के डीजी ने की है।
जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने सौरभ शर्मा को आज 11 बजे का समय दिया था। जहां वह कोर्ट में हाजिर हुआ और लोकायुक्त पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।बता दें कि, वह पिछले 41 दिनों से फरार चल रहा था। इसके बाद बीते दिन सोमवार 27 जनवरी को उसने कोर्ट में सरेंडर का आवेदन दिया था।
बीते दिन सोमवार 27 जनवरी को सौरभ शर्मा ने अपने वकील के साथ स्पेशल कोर्ट लोकायुक्त आरपी मिश्रा के सामने सरेंडर किया था। सौरभ के वकील का कहना है कि, आगे की कार्रवाई कोर्ट द्वारा तय की जाएगी।
पूर्व आरटीओ आरक्षक सौरभ शर्मा ने मध्यप्रदेश सरकार को पत्र लिख कर सुरक्षा की मांग की थी। सौरभ ने लिखा था कि, 'उसे, उसकी पत्नी, माँ और बच्चों को सुरक्षा की गारंटी मिलनी चाहिए। सुरक्षा मिलने पर जांच एजेंसियों के सामने आकर बड़ा खुलासा करूंगा।'
सौरभ के वकील का बयान भी सामने आया था। उन्होंने कहा था कि, पकड़ा गया सोना, कैश, अकूत संपत्ति राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स की है। मामलें में ब्यूरोक्रेट्स और राजनेता जुड़े हैं। सौरभ इजी टारगेट-इसलिए सब सौरभ पर डाल दिया गया।
जल्द होंगे बड़े खुलासे
अब फाइनली 27 जनवरी को सौरभ शर्मा ने स्पेशल कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। अधिकारियों ने अभी सौरभ शर्मा को लेकर कोई बयान नहीं दिया है। पहले खबर थी कि, सौरभ शर्मा दुबई में छिपा है फिर जानकारी सामने आई कि, सौरभ शर्मा दिल्ली के आस - पास ही कहीं हैं। अब सौरभ शर्मा ने अदालत में सरेंडर कर मामले की दिशा बदल दी है। इस मामले में जल्द बड़े खुलासे होंगे।
सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही जांच कर रहे
आरटीओ में आरक्षक रहे सौरभ शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त और प्रवर्तन निदेशालय दोनों ही जांच कर रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 20 जनवरी को जानकारी दी थी कि, उसने मध्य प्रदेश परिवहन विभाग के सेवानिवृत्त कांस्टेबल सौरभ शर्मा और अन्य से जुड़े बैंक खातों में 30 लाख रुपये की शेष राशि को फ्रीज कर दी थी। इसके अलावा, एजेंसी ने 12 लाख रुपये की अघोषित नकदी, 9.9 किलोग्राम चांदी (जिसकी कीमत लगभग 9.17 लाख रुपये है), डिजिटल उपकरण और संपत्ति से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए थे।
यह कार्रवाई 17 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई। तलाशी अभियान मध्य प्रदेश के भोपाल और ग्वालियर जिलों के साथ-साथ महाराष्ट्र के पुणे में स्थित विभिन्न ठिकानों पर चलाया गया था।