मध्यप्रदेश: कमीशन में सरकारी अस्पताल को सेवाएं देंगे अशासकीय डॉक्टर, रोगी कल्याण समिति के माध्यम से अनुबंधित होंगे विशेषज्ञ...
भोपाल। अशासकीय डॉक्टर कमीशन पर सरकारी अस्पताल को सेवाएं दे सकेंगे। रोगी कल्याण समिति के माध्यम से इन विशेषज्ञों को अनुबंधित किया जाएगा। प्रदर्शन और पारस्परिक सहमति के आधार पर एक साल बाद इसे नवीनीकृत भी किया जा सकेगा।
आयुक्त लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा तरुण राठी ने बताया कि यह सुविधा सिर्फ उन्ही अस्पतालों के होगी जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद स्वीकृत होने के बाद भी रिक्त हैं। रोगी कल्याण समिति के माध्यम से इनको प्रति केस के मान से मासिक आधार पर भुगतान किया जाएगा। शल्य चिक्तिसा के मामले में यह आयुष्मान भारत निरामयम् मध्यप्रदेश योजना के अंतर्गत स्वीकृत पैकेज अनुसार शासकीय विशेषज्ञ मुख्य सर्जन हेतु निहित इंसेंटिव 7.2 प्रतिशत से दोगुना 21.6 प्रतिशत होगा। निश्चेतना विशेषज्ञ के लिये यह 10.8 प्रतिशत तय किया गया है।
समितियों पर अनुबंध का जिम्मा
जिला चिकित्सालय अशासकीय (निजी) विशेषज्ञ चिकित्सकों को अनुबंधित करने के लिये समिति गठित की गई है। सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक की अध्यक्षता में गठित इस समिति में आरएमओ, दो वरिष्ठ चिकित्सक, जिला नोडल अधिकारी, रोगी कल्याण समिति, जिला लेखापाल, सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक सदस्य और सहायक प्रबंधक जिला चिकित्सालय सदस्य सचिव होंगे।
यह होगा फायदा
विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण अब स्वास्थ्य सुविधाएँ तथा शल्य चिकित्सा प्रभावित नहीं होगी। सुदृढ़ स्वास्थ्य ढ़ांचे को मजबूत करने में भी यह योजना सहयोगी बन सकती है।
यह नुकसान भी आ सकते हैं सामने
रिक्त पदों की पूर्ति के मामले में सरकार दबाव मुक्त हो जाएगी। इसके साथ ही अनुबंधित चिकित्सकों के लिये नि:शुल्क इलाज के लिये पहुंचे मरीज निजी अस्पतालों की आय का जरिया बनने में मददगार भी साबित हो सकता है।