Manmohan Singh Funeral: कांग्रेस मुख्यालय में होंगे मनमोहन सिंह के अंतिम दर्शन, निगम बोध घाट पर अंत्येष्टि
Manmohan Singh Funeral : दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया, जिससे देशभर में शोक की लहर है। उनके निधन के बाद शनिवार 28 दिसंबर को उन्हें राजकीय सम्मान (State Honour) के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट (Nirman Bodh Ghat) पर सुबह 11:45 बजे होगा। इसके पहले उनका पार्थिव शरीर सुबह करीब 9 बजे उनके सरकारी आवास 3, मोतीलाल नेहरू रोड, नई दिल्ली से कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। यहां, 8:30 बजे से लेकर 9:30 बजे तक आम जनता और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। साढ़े नौ बजे के बाद उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू की जाएंगी।
अंतिम यात्रा और श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया सुबह 8 बजे से शुरू होगी, जब उनका पार्थिव शरीर कांग्रेस मुख्यालय लाया जाएगा। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सुबह 8:30 से 9:30 बजे तक उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसके बाद, करीब 9:30 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू होगी, जो निगमबोध घाट (Nirman Bodh Ghat) तक पहुंचेगी, जहां उन्हें राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी।
कांग्रेस और अन्य नेताओं द्वारा श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह के निधन पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं ने भी डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके योगदान को याद करते हुए, देशभर से श्रद्धांजलि का तांता लगा हुआ है।
आज रहेगी आधे दिन की छुट्टी
मनमोहन सिंह के निधन के बाद देश में सात दिन का राष्ट्रीय शोक (National Mourning) घोषित किया गया है। इस दौरान सरकारी दफ्तरों में शोक के प्रतीक के रूप में कामकाजी घंटों में बदलाव किया गया है। आज उनके अंतिम संस्कार के दिन केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में आधे दिन की छुट्टी रहेगी। यह निर्णय शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया था।
पूर्व पीएम की समाधि स्थल का विवाद
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की थी। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा कि समाधि स्थल (Memorial Site) बनेगा, लेकिन उपयुक्त स्थान के चयन में समय लगेगा। इसके लिए जमीन आवंटित की जाएगी और ट्रस्ट भी बनाया जाएगा।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा, डॉ. मनमोहन सिंह के देश के समग्र विकास और वैश्विक पटल पर भारत की साख बढ़ाने के योगदान का जिक्र किया और उनकी स्मृतियों को सम्मान देने की अपील की। इस संदर्भ में कांग्रेस ने यह भी सुझाव दिया कि यदि जगह की कमी हो तो इंदिरा गांधी के अंतिम संस्कार स्थल 'शक्ति स्थल' से कुछ जगह लेकर डॉ. सिंह के स्मारक के लिए दी जाए।
कांग्रेस के अनुरोध पर सरकार ने जताई सहमति
गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से देर रात एक बयान जारी किया गया, जिसमें बताया गया कि गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और डॉ. सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी और इसके लिए एक ट्रस्ट भी स्थापित किया जाएगा।
संप्रग सरकार का स्मारक नीति
बता दें कि डॉ. सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार (UPA Government) ने 2013 में दिवंगत राष्ट्रीय नेताओं के लिए अलग-अलग स्मारक बनाने पर रोक लगा दी थी। 16 मई 2013 को शहरी विकास मंत्रालय द्वारा जारी नोट में कहा गया था कि राजघाट (Raj Ghat) पर एक साझा स्मारक स्थल बनाया जाएगा, जहां देश के प्रमुख नेताओं की स्मृतियां होंगी।
इन नेताओं ने द्वी श्रद्धांजलि
मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने वालों में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई प्रमुख नेता शामिल थे।
मनमोहन सिंह का योगदान
मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अद्वितीय था। वह 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में देश ने कई आर्थिक सुधारों को लागू किया और वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। उनकी आर्थिक नीतियों के कारण ही भारत को विश्व स्तर पर एक महत्वपूर्ण स्थान मिला। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में देश ने कई अहम विकासात्मक कदम उठाए, और उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।