फोन टैपिंग केस में अशोक गहलोत के ओएसडी को मिली राहत, 19 दिसंबर को सुनवाई
नईदिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने राजस्थान फोन टैपिंग मामले में राजस्थान के कार्यवाहक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा को राहत बरकरार रखी है। जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई पर लगी रोक अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दी है। मामले की सुनवाई 19 दिसंबर को होगी।
आज राजस्थान सरकार की ओर से सुनवाई टालने की मांग की गई। राजस्थान सरकार के वकील संदीप झा ने हाई कोर्ट को बताया कि राजस्थान में सरकार बदल गई है, ऐसे में इस केस में सरकार से निर्देश लेना होगा इसलिए आज सुनवाई टाल दी जाए। उसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई 19 दिसंबर तक के लिए टाल दी।
शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक
उल्लेखनीय है कि 13 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने अर्जी दाखिल कर लोकेश शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने की मांग करते हुए कहा था कि शर्मा जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने कहा कि लोकेश शर्मा ने अब तक अपना फोन जांच के लिए नहीं दिया है। नौ नवंबर 2022 को कोर्ट ने शर्मा की गिरफ्तारी पर लगी रोक बरकरार रखी थी। 29 अगस्त 2022 को कोर्ट ने लोकेश शर्मा के खिलाफ किसी भी निरोधात्मक कार्रवाई करने पर लगी रोक 09 नवंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दी थी। उसके पहले 09 मई 2022 को कोर्ट ने 29 अगस्त तक के लिए ये रोक बढ़ाई थी।
ऍफ़आईआर निरस्त करने की मांग
लोकेश शर्मा ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर निरस्त करने की मांग की है। लोकेश शर्मा के खिलाफ केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने 26 मार्च 2021 को फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई थी।