यमुना जल विवाद: चुनाव आयोग और केजरीवाल आमने-सामने, EC ने मांगे सबूत, AAP का पलटवार

Update: 2025-01-30 12:37 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और चुनाव आयोग के बीच यमुना के पानी को लेकर तीखी बयानबाजी शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर उनके "यमुना में जहर" वाले दावे पर सबूत मांगे हैं। वहीं, केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार पर तीखा हमला बोलते हुए उन्हें राजनीति करने का आरोप लगाया और यहां तक कह दिया कि अगर उन्हें राजनीति करनी है तो दिल्ली से चुनाव लड़ लें।

चुनाव आयोग ने मांगे सबूत, दी कार्रवाई की चेतावनी

गुरुवार को चुनाव आयोग ने केजरीवाल को पत्र लिखते हुए उनसे 5 अहम सवाल किए और पूछा कि यमुना के पानी में जहर कहां और कैसे मिला, इसके सबूत पेश करें। आयोग ने चेतावनी दी कि यदि 31 जनवरी सुबह 11 बजे तक संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

केजरीवाल का पलटवार- CEC राजनीति कर रहे, चुनाव क्यों नहीं लड़ लेते?

चुनाव आयोग की चिट्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए अरविंद केजरीवाल ने चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, "दिल्ली में खुलेआम पैसे और चादरें बांटी जा रही हैं, लेकिन चुनाव आयोग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। CEC राजीव कुमार राजनीति कर रहे हैं। अगर उन्हें राजनीति करनी है, तो वे दिल्ली की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ लें।”

केजरीवाल ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग की भाषा अनुचित है और CEC राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं, इसलिए उन्हें रिटायरमेंट के बाद नौकरी चाहिए। उन्होंने कहा, "राजीव कुमार ने चुनाव आयोग का कबाड़ा कर दिया है। उन्हें इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।"

केजरीवाल ने चुनाव आयोग को भेजी यमुना की बोतलें

केजरीवाल ने चुनाव आयोग के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वे यमुना का पानी तीन बोतलों में भरकर चुनाव आयोग को भेज रहे हैं। उन्होंने CEC को चुनौती देते हुए कहा कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पानी को पीकर दिखाएं।

यमुना के पानी पर कैसे शुरू हुआ विवाद?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने यमुना के पानी को जहरीला बना दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश से मिलने वाले पानी पर निर्भर हैं, लेकिन उसमें खतरनाक रसायन और जहरीले तत्व घोले जा रहे हैं।

चुनाव आयोग ने सबूत मांगे

भाजपा ने इस बयान के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद आयोग ने केजरीवाल से 29 जनवरी तक सबूत मांगे। आयोग ने कहा कि ऐसे आरोपों से राज्यों के बीच नफरत और तनाव पैदा हो सकता है।

अब सबकी नजरें इस पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग केजरीवाल के जवाब से संतुष्ट होता है या नहीं। यदि नहीं, तो आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। दूसरी ओर, भाजपा और आप के बीच इस मुद्दे पर सियासी घमासान और तेज हो सकता है।

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