रायपुर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: लुक-छिपकर कर रहे थे नाबालिग बेटी की शादी, पुलिस के पहुंचने से मचा हड़कंप
Raipur Child Marriage Case
Raipur Child Marriage Case : रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी से एक चौकानें वाला मामला सामने आया है। यहां एक नाबालिग बच्ची की शादी की लुक-छिपकर की जा रही थी। इसकी जानकारी जैसे ही रायपुर पुलिस को लगी तो बिना देर किये रायपुर जिला प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग की मौके पर पहुंची। विवाहस्थल पर प्रशासन की टीम के पहुंचने से हड़कंप मच गया।
दरअसल, कलेक्टर राहुल देव के निर्देश पर जिले में बाल विवाह रोकने के लिए विशेष टीम बनाई गई थी। इसी के चलते रायपुर जिला प्रशासन को जब बाल विवाह की जानकारी मिली तो जिला प्रशासन और महिला बाल विकास विभाग ने मुंगेली जिले के लोरमी विकासखंड स्थित ग्राम साल्हेघोरी पहुंचकर एक नाबालिग बालिका का विवाह रोका।
इसकी शुरुआत तब हुई जब जिला कार्यक्रम अधिकारी संजुला शर्मा के मार्गदर्शन में टीम को बाल विवाह की सूचना मिली। टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर विवाह की तैयारी को रोका और हल्दी की रस्म शुरू होने से पहले ही विवाह को स्थगित करवा दिया। बातचीत के दौरान पता चला कि बालिका के परिवार ने गरीबी, अशिक्षा और आर्थिक तंगी के कारण उसका विवाह कराने का निर्णय लिया था, ताकि वे मजदूरी के लिए अन्य राज्यों में जा सकें। लेकिन बालिका ने साहस दिखाया और विवाह से इनकार कर दिया। उसने कहा कि वह 10वीं कक्षा तक पढ़ाई कर चुकी है और आगे भी अपनी शिक्षा जारी रखना चाहती है।
बालिका को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत किया गया, जहां समिति के सदस्य लक्ष्मी साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी अंजुबाला शुक्ला और चाइल्ड हेल्पलाइन समन्वयक उमाशंकर कश्यप ने उसे श्रीफल, पेन और डायरी देकर सम्मानित किया। इसके साथ ही परिजनों को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया गया, ताकि वे अपनी बेटी की शिक्षा में कोई बाधा न आने दें और उसका भविष्य संवार सकें।
यह घटना यह दर्शाती है कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह कराने पर दो साल की सजा और 1 लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अगर उन्हें बाल विवाह या किसी अन्य संकटग्रस्त बच्चे के बारे में जानकारी मिले, तो वे तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर सूचित करें ताकि समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकें।