Shivpuri : कोलारस में गोटू को मनाने की तैयारी मेंं जुटी कांग्रेस !

गोटू को कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनाने का भी ऑफर चर्चा में, खास बात यह है कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकिट के प्रबल दावेदार बैजनाथ सिंह और जितेन्द्र जैन दोनों ही भाजपा से आये हैं।

Update: 2023-10-14 00:45 GMT

फोटो - कांग्रेस नेता जितेंद्र जैन 'गोटू'

शिवपुरी। पूूर्व मंत्री और पिछोर विधायक केपी सिंह की सिफारीश पर कांग्रेस ने भाजपा से आये बैजनाथ सिंंह यादव को टिकट देना तय कर लिया है। सूत्रों के अनुुसार इसकी औपचारिक घोषणा कड़वे दिन समाप्त होने केे बाद नवरात्री केे पहले दिन 16 अक्टूबर को होगी। वहींं टिकिट के दूसरे प्रबल दावेदार जितेन्द्र जैन गोटू को मनाने की कोशिश भी कांग्रेस ने शुरू कर दी हैे। श्री गोटू भी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में आये है और उन्होंने बदरवास में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के सुपुत्र पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह केे आगमन पर जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया था। कोलारस में भोज राजनीति के कारण भी वह खासे चर्चा में आये थे। जितेन्द्र जैेन गोटू जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रहे है और पूर्व विधायक देवेन्द्र जैन पत्तेे वालों के छोटे भाई है। हालांकि देवेन्द्र जैन भाजपा में ही है और वह कोलारस तथा शिवपुरी से टिकिट की मांग कर रहे हैं।

खास बात यह है कि कोलारस विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस टिकिट के प्रबल दावेदार बैजनाथ सिंह और जितेन्द्र जैन दोनों ही भाजपा से आये हैं। बैजनाथ सिंह सिंधिया समर्थक रहे हैं और कांग्रेस केे जिला अध्यक्ष का दायित्व भी उन्होंने संभाला था। सिंधिया के साथ वह भाजपा में शामिल हुए थे। लेकिन भाजपा पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए वह कांग्रेेस में शामिल हुए थेे। श्री यादव की कांग्रेस के जिलाध्यक्ष विजय सिंंह चौहान से उनकी अच्छी दोस्ती है औैर केपी सिंह के वह अनुयायी माने जाते है। जबकि जितेन्द्र जैन मूल भाजपाई हैं। उनका परिवार धन बल सम्पन्न है। उनके बड़े भाई देवेन्द्र जैन 1993 मेें शिवपुरी से और 2008 में कोलारस से विधायक रहे थे। जितेन्द्र जैन भी जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। बैजनाथ सिंंह ने सबसे पहले कोलारस से टिकिट की आशा में भाजपा छोड़ी और वह कांग्रेस में शामिल हुए। औपचारिक रूप से तो यहींं बताया गया कि वह बिना शर्त कांंग्रेस में आये हैे। लेकिन सूत्रों ने बताया कि वह टिकिट के आश्वासन पर ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। जितेन्द्र जैन भाजपा में अवश्य बने हुए थे लेकिन प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से उनका संपर्क बना हुआ था। कोलारस में भोज राजनीति के जरिये वह अपना जनाधार बढ़ाने में लगे हुए थे।

सूत्र बताते हैं कि जब उनकी कमलनाथ से पहली मुलाकात हुई थी तो पूर्व मुख्यमंत्री ने उनसे कहा था कि वह शिवपुरी पर ध्यान केन्द्रित क्यों नहीं करते। इस पर गोटू का जबाव था कि कोलारस में उनकी तैयारी है और शिवपुरी के बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं है। गोटू की हिचक इसलिए भी थी कि शिवपुरी सीट पर नजर उनकेे बहनोई राकेश गुप्ता की थी। सिंधिया समर्थक राकेश गुप्ता भी भाजपा छोड़़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। गोटू नेे भोपाल जाकर साधारण तरीके से कांगे्रस की सदस्यता ली लेकिन शिवपुरी आकर उन्होंने जिस आक्रामक अंदाज में स्थानीय विधायक यशोधरा राजे सिंधिया पर शाब्दिक प्रहार किये उससे ऐसा लगने लगा कि वह शिवपुरी सीट से भी चुनाव लड़ सकते है लेकिन उनके बाद कोलारस के भाजपा विधायक वीरेन्द्र रघुवंशी कांग्रेस में आ गये। श्री रघुवंशी 2007 केे उपचुनाव मे शिवपुरी सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजयी रहे थे और वह कांग्रेस से टिकट लेकर शिवपुरी से लड़ऩा चाहते है। इससे जितेन्द्र जैन ने अब अपना पूरा ध्यान कोलारस सीट पर केन्द्रित किया और अपना जनाधार भी दिखाया लेकिन कांग्रेस ने उनसे अधिक बैजनाथ सिंह यादव को बरीयता दी। लेकिन कांग्रेस जितेन्द्र को भी नाराज नहीं करना चाहती। पार्टी को लग रहा है कि यदि जितेन्द्र जैन विरोधी हुए तो वह कांग्र्रेस की जीत में शंका अवश्य पैदा करने की स्थिति मेंं है।

कांंग्रेस देे रही है गोटू को कई तरह के ऑफर

सूत्र बताते है कि कांग्रेस ने जितेन्द्र जैन केे समक्ष प्र्रस्ताव रखा हैे कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उन्हेंं राज्य मंत्री का दर्जा दिया जायेगा। सरकार न बनने की स्थिति में उन्हें गुना शिवपुरी लोकसभा सीट सेे टिकिट दिया जायेगा। पार्टी का जिलाध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी उनके समक्ष रखा गया है। लेकिन फिलहाल जितेन्द्र्र जैन ने चुप्पी साध रखी है। वह क्या निर्णय लेंगे यह अब देखने वाली बात होगी।

हाथी की सवारी करेंगे गोटू!

राजनैतिक हलकों में यह भी चर्चा है कि जितेन्द्र जैन बसपा टिकिट पर भी चुनाव लड़़ सकते हैं।

सोशल मीडिया पर यह अफवाह भी चली कि वह मायावती से मिलने रवाना हो चुके है। लेकिन यह खबर भ्रामक निकली।

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