भारतीय क्रिकेट का काला दिन: 13 मार्च 1996 जब टीम इंडिया को मिला था गहरा जख्म , जानिए उस दिन क्या हुआ था?
13 मार्च 1996
Dark truth of Indian cricket : 9 मार्च को भारतीय क्रिकेट टीम ने न्यूजीलैंड को हराकर चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता और रोहित शर्मा की कप्तानी में बिना एक भी मैच हारे इतिहास रच दिया। 3 ट्रॉफी के साथ भारत अब इस टूर्नामेंट की सबसे सफल टीम बन चुकी है। वहीं फैंस अभी भी इस ऐतिहासिक जीत के जश्न में डूबे हुए हैं। लेकिन इसी जीत के साथ हम आपको भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे काले दिन से भी रूबरू कराने जा रहे हैं। 13 मार्च 1996 का वह दिन जब टीम इंडिया को एक गहरा जख्म मिला था। आइए जानते हैं उस दिन आखिर क्या हुआ था?
भारतीय क्रिकेट का काला सच
13 मार्च 1996 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक काले धब्बे की तरह है । इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। यह दिन उस वर्ल्ड कप सेमीफाइनल से जुड़ा हुआ है, जब भारत और श्रीलंका के बीच कोलकाता के ईडन गार्डन्स में खेले गए मैच में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में भारतीय टीम की हार से गुस्साए फैंस ने स्टेडियम में जमकर हंगामा मचाया। उन्होंने बीच मैच में ही बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं, और कुछ फैंस ने तो स्टेडियम के एक हिस्से में आग भी लगा दी। इस दौरान भारतीय बल्लेबाज विनोद कांबली क्रीज पर मौजूद थे और यह घटना देखकर वे अत्यधिक आहत हो गए। हजारों दर्शकों के सामने उनका दिल टूट गया, और वे रोते हुए मैदान से बाहर चले गए।
1996 में भारत को वर्ल्ड कप की मेजबानी का सम्मान मिला था । वहीं कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन की अगुआई में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया था। भारत ने क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान को हराकर सेमीफाइनल में जगह बनाई, जिससे पूरे देश की उम्मीदें और बढ़ गई थीं। इस मुकाबले के लिए कोलकाता में 1 लाख से ज्यादा दर्शक पहुंचे थे । वहीं मैच की शुरुआत भी भारत के पक्ष में रही। भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए श्रीलंका के 3 विकेट 35 रन पर ही गिरा दिए थे, और फिर 85 रन पर चौथा विकेट भी गिरा।
हालांकि, इसके बाद श्रीलंका ने जबरदस्त वापसी की और 251 रन का स्कोर खड़ा किया। इसके बावजूद भारतीय फैंस को जीत की उम्मीद थी, लेकिन जब टीम इंडिया जीत के करीब भी नहीं पहुंच सकी, तो फैंस का गुस्सा बुरी तरह फूट पड़ा और स्टेडियम में भारी बवाल मच गया।
#OnThisDay in 1996
— 𝑺𝒉𝒆𝒃𝒂𝒔 (@Shebas_10dulkar) March 13, 2024
India got Knocked out from Worldcup Semifinal 💔
Sachin alone Scored 36.3% of team runs in 1996WC (This is most % of runs Scored by any Any player in a WC Tournament)
From 98/1 to 120/8, India Lost Quick wickets after Sachin's Dismissal, The audience were… pic.twitter.com/npG69hXqaP
भारतीय टीम की हार ने मचाया था बवाल
भारत ने 252 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 1 विकेट के नुकसान पर 98 रन बना लिए थे, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उस पर किसी भी फैंस को विश्वास नहीं हुआ। 98 रन पर सचिन तेंदुलकर के साथ मांजरेकर के आउट होते ही विकेटों की झड़ी लग गई। अगले 22 रन बनाने में भारत ने 7 विकेट गंवा दिए और स्कोर 120 रन पर 8 विकेट के नुकसान पर पहुंच गया। इस वक्त विनोद कांबली 29 गेंदों पर 10 रन बना कर क्रीज पर थे । वहीं अनिल कुंबले के साथ पिच पर डटे हुए थे।
लेकिन स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को यह साफ हो गया था कि भारतीय टीम इस मैच को हारने वाली है और इसके साथ ही उनका गुस्सा भी बढ़ गया। भारतीय खिलाड़ियों के खराब प्रदर्शन से नाराज होकर फैंस ने स्टेडियम में बोतलें फेंकनी शुरू कर दीं और कुछ ने तो आग भी लगा दी। हालात बिगड़ते हुए देखकर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। अंत में मैच रेफरी ने श्रीलंका को विजेता घोषित किया। वहीं भारत की बल्लेबाजी पूरी तरह से धराशायी हो गई। सचिन तेंदुलकर ने 65 रन, मांजरेकर ने 25 रन और कांबली ने 10 रन बनाए, लेकिन बाकी सभी बल्लेबाज दहाई के आंकड़े तक नहीं पहुंच सके। इस हार और स्टेडियम में हुई हिंसा ने 13 मार्च 1996 को भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक गहरा जख्म छोड़ दिया, जिसे पूरा देश आज तक नहीं भूल पाया है।