भारत को तीन बार गोल्ड दिलाने वाले हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह का निधन
-पंजाब-हरियाणा के मुख्यमंत्री-पूर्व मुख्यमंत्री ने जताया शोक -पद्मश्री बलबीर सिंह ने भारत को ओलंपिक में तीन बार दिया था गोल्ड -सांस की तकलीफ से मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में थे उपचाराधीन
चंडीगढ़। भारत को ओलंपिक में तीन बार गोल्ड दिलाने वाले हॉकी खिलाड़ी पद्मश्री बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। वह 96 साल के थे। भारतीय हॉकी टीम की गोल मशीन के नाम से प्रसिद्ध बलबीर सिंह को बीती आठ मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिछले कई दिनों से वह वेंटीलेटर पर थे। वेंटीलेटर पर ही उन्हें दो बार दिल का दौरा भी पड़ चुका था। उनके निधन पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, हरियाणा के नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्ट अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर कहा, 'हॉकी के महानायक बलबीर सिंह सीनियर के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। एक ट्रिपल ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता, जिन्होंने दृढ़ता, समर्पण और खेल कौशल के गुणों का अनुकरण किया। सर, आपको बहुत याद किया जाएगा और हमेशा प्रेरणा बने रहेंगे। आने वाली पीढ़ियां उनकी खेल प्रतिभा और जीवन को जीने की अदभुत इच्छा शक्ति से अपना जीवन सफल बनाएगी।'
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अपने शोक संदेश में कहा कि पिछले कुछ दिनों में लॉकडाउन के दौरान देश ने ऐसी कई महान विभूतियों को खो दिया है। यह सभी के लिए दुख भरी खबर है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पद्मश्री बलबीर सिंह किसी एक समाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते थे बल्कि उनके चाहने वाले देश ही नहीं विदेशों में भी हैं। मैं बलबीर सिंह के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।
हरियाणा के खेलकूद मंत्री एवं भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह ने शोक संदेश में कहा कि बलबीर सिंह की मृत्यु से खेल जगत में एक ऐसी कमी आई है जिसे कभी पूरा नहीं किया जा सकता है। खेल व खिलाड़ी का दौर चाहे कोई भी हो लेकिन बलबीर सिंह हमेशा से ही सभी के मार्गदर्शक रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कई अंगों के प्रभावित होने के कारण बलबीर सिंह को आठ मई को अस्पताल में ले जाया गया था। वह अपनी बेटी सुखबीर के साथ रहते थे। 10 मई को उनकी हालत में सुधार आया लेकिन 12 मई को उन्हें दिल का दौरा पड़ गया, जिसके बाद उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने उनका कोरोना टेस्ट भी किया था लेकिन वह नेगेटिव आया। करीब डेढ साल पहले भी बलबीर सिंह सीनियर पीजीआई में भर्ती रहे थे।