MP News: लैपटॉप - स्कूटी योजना पर CM मोहन ने दिया ऐसा जवाब कि, कांग्रेस ने उठा लिया मुद्दा, कहा - झूठ सामने आ गया...

Update: 2025-01-26 14:15 GMT

लैपटॉप - स्कूटी योजना पर CM मोहन ने दिया ऐसा जवाब कि, कांग्रेस ने उठा लिया मुद्दा

CM Mohan Yadav Podcast : मध्यप्रदेश। एक पॉडकास्ट में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लैपटॉप और स्कूटी योजना पर सवाल किया गया। इस सवाल के जवाब में उन्होंने गोल - मोल जवाब देते हुए कहा कि, 'यह योजना एक साल के लिए थी।' मुख्यमंत्री की इस बात पर कांग्रेस नेताओं ने विरोध भी शुरू कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि, झूठ सामने आ गया है।

उमंग सिंघार ने आखिर ऐसा क्यों कहा इसके लिए पहले मुख्यमंत्री ने पॉडकास्ट में क्या कहा वह जानते हैं....

दरअसल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लैपटॉप और स्कूटी देने के सवाल पर जवाब दिया कि, '170 योजनाएं चल रही है, प्रतिभाशाली बच्चों को लैपटॉप और स्कूटी भी दिया जा रहा है। जिस श्रेणी के बच्चों को ये दिया जाना है, उन्हें मिल भी रही है। बाद में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, ये योजना सिर्फ एक साल के लिए थी और मेरे समय की नहीं है।

सीएम मोहन यादव के इसी बयान पर मध्यप्रदेश में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि, "अब मुख्यमंत्री का झूठ सामने आ गया !!! प्रतिभाशाली छात्रों को लैपटॉप और स्कूटी देने को लेकर CM अपनी ही बात में उलझ गए। पहली बार खुलासा हुआ कि, लैपटॉप और स्कूटी योजना एक साल के लिए थी। मौन यादव जी आप तो बच्चों से ही झूठ बोलने लगे। बेहतर होता कि आप ऐसे इंटरव्यू देने से पहले होमवर्क करके आते, ताकि अपने ही जवाब में नहीं उलझते पर आखिर झूठ तो झूठ है, इससे कब तक बचोगे!"

क्या है मध्यप्रदेश सरकार की लैपटॉप और स्कूटी योजना :

यह योजना पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के तहत मध्यप्रदेश में 12 वीं कक्षा में मेरिट लिस्ट और तय अंक लाने पर लैपटॉप के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाती थी। सीएम रहते हुए शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना का दायरा बढाए जाने और स्कूटी वितरित करने का ऐलान भी किया था।

2024 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतने के बाद भाजपा ने डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद कहा गया कि, समय आने पर बच्चों को लैपटॉप की राशि और स्कूटी दी जाएगी। अब सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि या स्कूटी वितरित नहीं की गई है। माना जा रहा है कि, यह योजना सरकार द्वारा ठन्डे बस्ते में डाल दी गई है।

इस मामले में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष उषा अग्रवाल का बयान भी सामने आया है। उमंग सिंघार के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा -

प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती है उमंग सिंघार जी, फिर भी कुछ संलग्न खबरों का अवलोकन आपको जरूर करना चाहिए, जो आपके इस कुत्सित प्रोपेगेंडा को आईना दिखाती है। कांग्रेस की राजनीति का स्तर इतना गिर गया है कि अब वो शिक्षा को भी राजनीति में घसीट कर बच्चियों के भविष्य को लेकर भ्रमित करने का असफल प्रयास कर रहे है जिस कांग्रेस के कुशासन में :-

छात्राओं की छात्रवृतियां बंद करा दी हो

बच्चियों के लिए स्कूल में बुनियादी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं कराई

शिक्षकों की सैलरी और प्रमोशन रोके हो

विद्यालय बनाने के लिए आने वाली राशि से घी खाया हो

स्कूल की हालत शौचालय से बद्दतर कर दी हो

यहां तक की बच्चों को मिलने वाली आहार राशि तक को डकार गए...

उस कांग्रेस के नेताओं का मोहन सरकार पर उंगली उठाना हास्यास्पद है! उमंग सिंघार जी, आपको सदैव स्मरण रहे-

आज मध्यप्रदेश की शिक्षा की स्तर कांग्रेस काल की शिक्षा के काफी बेहतर हैं। स्कूल में बच्चियों की पढ़ाई के साथ-साथ उनके स्वास्थ, आहार और भविष्य की सुविधाओं के लिए 170 से अधिक योजनाएं लागू हैं। "गांव की बेटी " एवं "प्रतिभा किरण " जैसी कई योजनाओं का लाभ भी प्रदेश की बेटियां ले रही हैं। शिक्षा व्यवस्था में हुए नवाचार की वजह से सीएम राइज़ स्कूल को विश्व के 'सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार 2024'से सम्मानित किया गया है।

आप और आपके जैसे कांग्रेसियों के झूठ का प्रोपेगेंडा अब मध्यप्रदेश में नहीं चलने वाला है क्योंकि प्रदेश में भाजपा की मोहन सरकार छात्राओं की निःशुल्क, अनिवार्य व संसाधन युक्त शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सदैव प्रतिबद्ध है।

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