छिंदवाड़ा: तामिया में कर्ज से परेशान दंपती के आत्महत्या मामले में नया सुसाइड नोट बरामद, 5 गिरफ्तार, एक फरार...

Update: 2025-01-25 09:19 GMT

छिंदवाड़ा। तामिया में कर्ज से परेशान दंपती के सुसाइड मामले में पुलिस ने एक और सुसाइड नोट बरामद किया है। यह थाना प्रभारी के नाम लिखा गया है। दंपती ने 13 जनवरी को जहर खाकर जान दे दी थी। तब पुलिस को तीन पेज का सुसाइड नोट मिला था। बता दें कि इस मामले में पुलिस ने 6 लोगों पर FIR करते हुए 5 को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि एक फरार चल रहा है।

दंपति के बेटे जागृत ने बताया कि उनके माता-पिता ने आत्महत्या से एक दिन पहले फोन पर बहुत रोया था। उन्हें लगा कि माता-पिता उनके दूर रहने के कारण परेशान हैं, लेकिन उन्हें कर्जदारों के उत्पीड़न के बारे में पता नहीं था। दंपति ने दो सुसाइड नोट लिखे थे। पहला नोट तीन भागों में बंटा हुआ था, जबकि दूसरे नोट में भूमिलता ने थाना प्रभारी से अपने बेटों की सुरक्षा की गुहार लगाई थी।

भूमिलता के सुसाइड नोट का सारांश

भूमिलता ने अपने सुसाइड नोट में कर्जदारों द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का जिक्र किया है। उन्होंने बताया कि कर्जदारों ने उनसे मूल रकम से दोगुना पैसा वसूला है और कोरे स्टांप पर दस्तखत करवा लिए हैं। उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं। उन्होंने थाना प्रभारी से अपने बेटों की सुरक्षा की गुहार लगाई है।

जागृत का बयान

जागृत ने बताया कि उसके माता-पिता डिप्रेशन में थे। उन्होंने सुसाइड से एक दिन पहले जागृत को फोन पर ट्रांजेक्शन के स्क्रीनशॉट भेजे थे, जिनमें अमित कुमार शर्मा, तरुण हतवास और कल्लू सरदार के नाम थे। जागृत का मानना है कि उसके माता-पिता कर्जदारों के उत्पीड़न से बहुत परेशान थे।

दंपति की आर्थिक स्थिति और बेटों का जीवन

दंपति की आर्थिक स्थिति कोरोना काल के बाद से खराब हो गई थी। उन्होंने बेटों की पढ़ाई के लिए कर्ज लिया था। बड़ा बेटा शिवम इंदौर में बीसीए कर रहा था और छोटा बेटा सत्यम बीबीए कर रहा था। दंपति ने बेटों की पढ़ाई के लिए ब्याज पर पैसे लिए थे और उन्हें हर महीने 6000 रुपये भेजते थे।

कर्जदारों के उत्पीड़न से तंग आकर एक दंपति ने आत्महत्या कर ली। दंपति ने सुसाइड नोट में कर्जदारों के नाम और उनके द्वारा किए गए उत्पीड़न का जिक्र किया है। दंपति के बेटे ने बताया कि उसके माता-पिता डिप्रेशन में थे और उन्हें कर्जदारों के फोन आए करते थे। दंपति ने बेटों की पढ़ाई के लिए कर्ज लिया था और ब्याज के बोझ तले दब गए थे।

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