10 करोड़ का स्कॉलरशिप घोटाला, 98 स्कूल के प्रिंसिपल सहित 107 पर मुकदमा दर्ज
धनबाद। झारखंड के धनबाद में 10 करोड़ रुपए का अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला हुआ है। घोटाले में कल्याण विभाग के अधिकारी व कर्मचारी स्कूल संचालक व अंतरराज्यीय गिरोह शामिल है। गिरोह के सरगना चतरा जिले के हैं। कुछ सदस्यों ने धनबाद को भी अपना अस्थायी ठिकाना बना रखा था। एजेंटों के माध्यम से स्कूलों से संपर्क कर घोटाले को अंजाम दिया गया। इसमें कुछ स्थानीय दलाल भी शामिल हैं।
छात्रवृत्ति घोटाले में कल्याण विभाग के एक क्लर्क, एक कंप्यूटर ऑपरेटर समेत नौ अन्य लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। साथ ही जिले के 96 स्कूलों के प्राचार्य-संचालकों पर भी एफआईआर की गई है। एफआईआर संबंधित स्कूलों के थाना क्षेत्रों में की गई है। आरोप की जद में आए स्कूल जिले के ग्यारह अंचलों में स्थित हैं। उक्त जानकारी बुधवार को छात्रवृत्ति घोटाले की चार सदस्यीय जांच टीम के प्रमुख सह एडीएम विधि-व्यवस्था चंदन कुमार ने दी। जांच रिपोर्ट गुरुवार को राज्य सरकार को भेजी जाएगी। डीसी उमाशंकर सिंह ने बताया कि रिपोर्ट के साथ घोटाले की व्यापक जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की भी अनुशंसा की जाएगी।
उन्होंने धनबाद सर्किट हाउस में बताया कि प्रारंभिक जांच में 9.99 करोड़ रुपए का घोटाला पकड़ में आया है। इसमें 13306 छात्रों के नाम शामिल हैं। सभी मामले वित्तीय वर्ष 2019-20 से संबंधित हैं। इसमें जिला कल्याण पदाधिकारी व कार्यालय के कर्मचारियों की भी भूमिका है। चतरा का अंतरराज्यीय गिरोह के सदस्यों ने धनबाद के एजेंटों के साथ मिलकर घोटाले को अंजाम दिया। जांच टीम के सामने कई स्कूल के संचालकों ने जो जानकारी दी है, वह चौंकानेवाली है। इसमें जिला कल्याण विभाग से लेकर राज्य स्तर के अधिकारी व कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।
एडीएम ने बताया कि घोटाले में संलिप्त कल्याण विभाग के डिलिंग क्लर्क विनोद कुमार पासवान व कंप्यूटर ऑपरेटर अजय कुमार मंडल को बर्खास्त करने की अनुशंसा डीसी से की गई है। जल्द ही दोंनों को नौकरी से हटाया जाएगा। इस संबंध में डीसी ने कहा कि दोनों को गुरुवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। 72 घंटे में शोकॉज का जवाब देने का अल्टीमेटम भी होगा। जवाब के बाद आगे की कार्रवाई होगी।