आदित्य ठाकरे के करीबी राहुल कनाल के घर आयकर का छापा, शिवसेना ने कही ये..बात
सुबह ही शिवसेना नेता के बांद्रा स्थित आवास पर आईटी टीम पहुंची और पूरी इमारत को सील कर दिया है। आईटी टीम के साथ केंद्रीय सुरक्षा की टीम है, जिसने इमारत में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दिया है।
मुंबई। आयकर विभाग की टीम ने मंगलवार सुबह शिवसेना के एक और नेता राहुल कनाल के बांद्रा स्थित आवास पर छापेमारी की है। राहुल कनाल शिर्डी मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी, युवा शिवसेना प्रमुख तथा पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के करीबी हैं। बताया जा रहा है कि मुंबई नगर निगम के स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव के घर हुई छापेमारी से मिले इनपुट के आधार यह छापेमारी की जा रही है।
जानकारी के अनुसार आईटी की टीम बांद्रा तथा अंधेरी में कई ठिकानों पर आज सुबह से छापेमारी कर रही है। सुबह ही शिवसेना नेता के बांद्रा स्थित आवास पर आईटी टीम पहुंची और पूरी इमारत को सील कर दिया है। आईटी टीम के साथ केंद्रीय सुरक्षा की टीम है, जिसने इमारत में बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दिया है। खबर लिखे जाने तक आईटी के छापे का ब्योरा नहीं मिल सका है।
आईटी की टीम ने इससे पहले शिवसेना उपनेता तथा मुंबई नगर निगम के स्थाई समिति के अध्यक्ष यशवंत जाधव के घर पर छापा मारा था और दो करोड़ रुपये नगद, डेढ़ करोड़ रुपये के गहने तथा दो बैग कागजात व डिजिटल सबूत बरामद किया था। उस समय आईटी की टीम ने शिवसेना नेताओं, ठेकेदारों के घरों सहित 32 स्थानों पर छापेमारी की थी। आयकर टीम ने 15 करोड़ रुपये की हेराफेरी के मामले में यशवंत जाधव के घर छापा मारा था। इस मामले में आईटी टीम को यशवंत जाधव की 5 फर्जी कंपनियों का पता लगा था। बताया जा रहा है कि इसी संदर्भ में आईटी की टीम आज राहुल कनाल के घर समेत 4 जगहों पर छापेमारी कर रही है।
भ्रष्टाचार मुक्ति मुहीम -
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त करने की मुहिम शुरू है। यह मुहिम जारी रहेगी और भ्रष्टाचार में लिप्त जो भी हैं, जेल में जाने वाले हैं। भाजपा विधायक अतुल भातखलकर ने कहा कि अंधेरी में एक बहुत बड़े व्यक्ति के घर भी आईटी की रेड पड़ रही है।
शिवसेना ने लगाया आरोप -
शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने बताया कि भाजपा केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग कर गैर भाजपा नेताओं की घरों पर छापा डलवा रही है। गुजरात में 22 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के बारे में केंद्रीय एजेंसियों के छापे देखने को नहीं मिल रहा है। बड़े -बड़े उद्योगपतियों को छोडक़र केंद्रीय एजेंसियां सिर्फ दिखावा करने के लिए कार्रवाई कर रही है। यह देश की जनता समझ रही है।