संभल हिंसा: मुरादाबाद कारागार के जेलर-डिप्टी जेलर सस्पेंड, हिंसा के आरोपियों से जेल में सपा नेताओं की मुलाकात अवैध…
सपा विधायक नवाब जान और पूर्व सांसद एसटी हसन समेत कई नेता गए थे जेल। बगैर जेल मैनुअल का पालन किए हुई मुलाकात, कार्रवाई से महकमे में मचा हड़कंप।
मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश सरकार ने संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात कराने के मामले में मुरादाबाद के जेलर विक्रम सिंह यादव और डिप्टी जेलर प्रवीण सिंह को सस्पेंड कर दिया है। डीजी जेल ने इसके साथ ही जेल अधीक्षक पी.पी. सिंह के खिलाफ विभागीय जांच करने की सिफारिश की है।
जेल प्रशासन पर आरोप है कि उन्होंने हिंसा में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से सपा के स्थानीय नेताओं को बिना जेल मैनुअल का पालन कराए मुलाकात कराई थी। इस कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि बीते सोमवार को सपा विधायक नवाब जान, चौधरी समर पाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई सपा नेताओं ने मुरादाबाद जेल में बंद संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी। जेल प्रशासन पर आरोप है कि उन्होंने सपा नेताओं को बगैर पर्ची मुलाकात करवाई थी। शासन के निर्देश पर डीजी जेल ने डीआईजी जेल कुंतल किशोर को मामले की जांच सौंपी थी।
300 आरोपियों की पहचान, नकाबपोशों की तलाश में उलझी पुलिस : दूसरी ओर, संभल में पुलिस ने अब तक 300 से ज्यादा हंगामा करने के आरोपियों की शिनाख्त कर ली है, लेकिन बवाल में शामिल नकाबपोशों की तलाश में पुलिस उलझी हुई है। बवाली कैमरे में कैद तो हुए, लेकिन मुंह ढकने के कारण पहचानना मुश्किल हो रहा है।
संभल में जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर बताने की याचिका पर सर्वे के कोर्ट के आदेश पर हिंसा हो गई थी। कुल पांच लोग मारे गए थे। पुलिस ने चार के मरने की पुष्टि की थी। संभल के हिंसाग्रस्त इलाकों, जामा मस्जिद, नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा इलाके में उपद्रवियों के फोटो और वीडियो पुलिस ने जुटाए हैं।
सपुलिस ने पहचान के लिए खास टीम गठित की हैं। अब नकाबपोशों के कपड़ों और शारीरिक बनावट से पहचान कराने की कोशिश की जा रही हैं। पुलिस का कहना है कि उपद्रव में शामिल सभी की पहचान करा ली जाएगी।