उज्जैन। देशभर में आज (शुक्रवार ) महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में भी सबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा हुआ है। महाकाल और ओंकारेश्वर-ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। मंदसौर के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर, भोपाल के करीब भोजपुर शिव मंदिर, ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। महाशिवरात्रि पर प्रदेशभर में जगह-जगह धार्मिक आयोजन भी होंगे।
उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर मंदिर में रात 2ः30 बजे पट खुलते ही दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। यहां आधी रात से ही लंबी-लंबीकतारें लग गई थीं। महाशिवरात्रि के मौके पर श्रद्धालु लगातार 44 घंटे भगवान महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। इस दौरान गर्भगृह में भगवान के अभिषेक-पूजन का क्रम सतत जारी रहेगा। नौ मार्च को शयन आरती के बाद रात 11 बजे मंदिर के पट पुन: बंद होंगे।
महाकालेश्वर मंदिर में परम्परा के मुताबिक, महाशिवरात्रि पर डेढ घंटे पहले रात 2ः30 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद भस्म आरती की हुई। पट खुलते ही पण्डे-पुजारी ने गर्भगृह मे स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से कर पूजन अर्चन किया। इस अवसर पर भगवान महाकाल का भांग और मेवे से विशेष शृंगार किया गया।
मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा ने बताया कि कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को रजत का मुकुट रुद्राक्ष व पुष्पों की माला धारण करवाई गई। फिर बाबा महाकाल का अलौकिक शृंगार कर बाबा महाकाल के ज्योतिर्लिंग को कपड़े से ढांककर भस्मी रमाई गई। भस्म आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि आज दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से भगवान महाकाल की शासकीय पूजन होगा। इसके बाद शाम चार बजे होलकर व सिंधिया स्टेट की ओर से पूजा की जाएगी। शाम 7.30 बजे संध्या आरती में भगवान को गर्म मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा। शाम सात बजे से कोटितीर्थ कुंड के समीप स्थित भगवान श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवरात्रि की महापूजा शुरू होगी। रात 11 बजे से गर्भगृह में महानिशा काल में महाकाल की महापूजा शुरू होगी, जो अगले दिन नौ मार्च को सुबह छह बजे तक चलेगी। सेहरा दर्शन के उपरांत साल में एक बार दिन में दोपहर 12 बजे होने वाली भस्म आरती होगी। भस्म आरती के बाद भोग आरती होगी और शिवनवरात्र का पारणा होगा। रात 10ः30 बजे शयन आरती के बाद रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होंगे। इसके साथ ही महाशिवरात्रि पर्व संपन्न होगा।