आगरा। संस्कार भारती बल्केश्वर शाखा की पहल पर शनिवार शाम कवयित्री नूतन अग्रवाल ज्योति के बलकेश्वर स्थित आवास पर काव्य समारोह किया गया। समारोह में संस्कार भारती के अखिल भारतीय साहित्य प्रमुख व हिंदुस्तानी अकादमी प्रयागराज के नवनियुक्त सदस्य वरिष्ठ कवि राज बहादुर सिंह राज व उदयपुर से आए युवा कवि गौरव सिंघवी को उनकी रचना धर्मिता के लिए सम्मानित किया गया। समारोह में उदयपुर के प्रेम कवि गौरव सिंघवी की इस कविता पर सब वाह वाह कर उठे- लोग मोहब्बत को खुदा का दर्जा दिया करते हैं. मगर कोई करे तो उसे सजा दिया करते हैं. कहते हैं पत्थर दिल रोया नहीं करते कभी. तो झरने पहाड़ों से ही क्यों बहा करते हैं..राजबहादुर राज की ये पंक्तियां दिल छू गई- बीत गए दिन बहार के. कैसे लिखूं गीत प्यार केकृ। वरिष्ठ कवि राघवेंद्र शर्मा ने होली का रंग घोला- परस्पर नेह के संबंध का त्यौहार है होली. रूठा हो कोई मीत तो मनुहार है होली. वरिष्ठ कवयित्री मधु भारद्वाज का फागुन दिल पर छा गया-फागुन मेरी बाहों में आ, मादक पलाश सा दहक गया. बंधन लाजों के टूट गए, मन बहक गया, तन दहक गया। कार्यक्रम संयोजक नूतन अग्रवाल ज्योति, वरिष्ठ कवि अनिल कुमार शर्मा, हास्य कवि हरीश अग्रवाल ढपोर शंख, कमल आशिक, अलका अग्रवाल, संगीता अग्रवाल, पूनम जाकिर, रानू बंसल, रीता शर्मा, रितु गोयल की रचनाएं भी भरपूर सराही गई। संचालन कुमार ललित और संयोजन नूतन अग्रवाल ज्योति ने किया। डॉ. माधुरी यादव व इशिता अग्रवाल ने व्यवस्थाएं संभाली। सेंट एंड्रयूज के निदेशक डॉक्टर गिरधर शर्मा व आदर्श नंदन गुप्ता की विशेष उपस्थिति रही।