ताज महल को गोद नहीं देना चाहता पर्यटन विभाग

'अडाप्ट ए हैरिटेज योजना के अंतर्गत देश के स्मरकों को गोद दिया जाना है।

Update: 2018-06-21 09:44 GMT

पर्यटन बोली लगाने में नहीं दिख रही मंत्रालय की रूचि

आगरा । 'अडाप्ट ए हैरिटेज योजना के अंतर्गत देश के स्मरकों को गोद दिया जाना है। इस योजना से जुड़े अधिकारियों की मानें, तो भारत के सबसे प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल की बोली लगाने में पर्यावरण मंत्रालय रूचि नहीं दिखा रहा है। यहां तक कि मकबरे से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों को देखते हुए हाल ही में जारी की गई एडॉप्शन लिस्ट में भी शामिल नहीं किया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि ताजमहल के लिए बहुत कुछ हो रहा है।

ताजमहल को लेकर उच्चतम न्यायालय से भी निर्देश जारी किए हैं। अधिकारी ने कहा कि एडॉप्शन के लिए जो लिस्ट निकाली गई है, उसमें बहुत सारे स्मारक हैं। जरूरी नहीं कि हर स्मारक को एडॉप्शन के लिए दिया जाए। उन्होंने कहा कि कमेटी ने फैसला लिया है कि ताजमहल को एडॉप्शन के लिए दिए जाने की जरूरत नहीं है। सिर्फ ताजमहल ही नहीं, कई और स्मारक ऐसे हैं, जिन्हें एडॉप्शन लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।

इस साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने एएसआई को निर्देश दिए थे कि यूनेस्को वल्र्ड हैरिटेज साइट ताजमहल को संरक्षित करने के कदम उठाएं। वहीं केंद्र सरकार को निर्देश दिया गया था कि एएसआई को ताजमहल के संरक्षण के लिए जो भी आवश्यकता हो, वह उपलब्ध कराया जाए। इस एडॉप्शन योजना पर तब विवाद हुआ था, जब विपक्षी दलों की तरफ से आरोप लगाया गया कि सरकार हमारे लाल किला जैसे स्मारकों को व्यक्तिगत हाथों में देने जा रही है।पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने कहा था कि स्मारकों में आने वाले लोगों की सुविधाओं और स्मारक के बेहतर रखरखाव के लिए यह फैसला लिया गया है। उन्होंने लाल किला जैस स्मारकों को अडॉप्शन के लिए न दिए जाने को कहा था।



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