लखनऊ।हिमाचल में विधानसभा चुनाव प्रचार थम गया। 12 नवम्बर को हिमाचल की 68 सीटों पर मतदान होगा। 26 दिन बाद आठ दिसम्बर को गुजरात के साथ ही यहां भी परिणाम आएगा। दोनों राज्यों में फिलवक्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ही सरकार है। हिमाचल में भाजपा ने ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किया। यहां उप्र में कानून व्यवस्था व सुशासन लाने वाले योगी आदित्यनाथ की सबसे अधिक मांग रही। पांच दिनों में आठ जिलों की 16 विधानसभा में उनकी रैली हुई।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सबसे अधिक मंडी जिले में चार, कांगड़ा में तीन, कुल्लू, सोलन, ऊना में दो-दो तथा हमीरपुर, शिमला, बिलासपुर जनपद के एक-एक विधानसभा में योगी आदित्यनाथ ने रैली की। वहीं सीपीआई (एम) के कब्जे वाली एकमात्र ठियोग सीट पर भी योगी आदित्यनाथ की जनसभा हुई।
प्रचार के अंतिम दिन भी हुई चार जनसभा
गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव प्रचार का आखिरी दिन रहा। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ ने चार जिलों की चार विधानसभा सीटों पर भाजपा के लिए वोट मांगा। मंडी की बल्ह व नाचन, ऊना की गगरोट तथा कुल्लू के बंजार में योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस की नाकामियां गिनाईं। इन सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान विधायकों पर ही दांव लगाया है। विकास कार्यों की बदौलत इन्हें फिर से सत्तासीन करने के लिए योगी आदित्यनाथ ने मतदाताओं से आग्रह किया।
मंडी में सबसे अधिक की चार रैलियां
योगी आदित्यनाथ की हिमाचल में 16 रैलियां हुई। इनमें सबसे अधिक रैली मंडी में हुई। यहां यूपी के सीएम ने चार विधानसभा क्षेत्र (सरकाघाट, दारंग, बल्ह व नाचन), कांगड़ा में तीन विधानसभा (ज्वाली, ज्वालामुखी और पालमपुर ) व कुल्लू जिले की बंजार व आनी, सोलन की दून व कसौली तथा ऊना की गगरेट व हरोली विधानसभा में रैली की। इसके अलावा हमीरपुर की बड़सर, बिलासपुर की घुमारवीं व शिमला की ठियोग में भी योगी आदित्यनाथ दहाड़े।
लगातार दो दिन में की थी छह रैली
योगी आदित्यनाथ की मांग हिमाचल में इस कदर रही कि देव दीपावली के दिन भी उन्होंने रैली की। योगी की लगातार दो दिन रैली हुई। सात नवम्बर को उन्होंने हरोली, दारंग व दून विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया। वहां से वह शाम को लखनऊ लौट आए और अगले दिन फिर आठ नवम्बर को पालमपुर, आनी व ठियोग में पहुंचकर भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट मांगे। दो नवंबर से 10 नवम्बर तक वह पांच दिन हिमाचल प्रदेश पहुंचे।
सीपीआई (एम) के गढ़ में भी कमल खिलाने की जिम्मेदारी
शिमला जिले में योगी आदित्यनाथ की एक रैली हुई। वह भी ठियोग विधानसभा में, यहां पर सीपीआई (एम) का कब्जा है। 1951 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी महज एक बार यहां से चुनाव जीती है। 1993 में राकेश शर्मा यहां से भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने में कामयाब रहे। प्रदेश की इस एकमात्र सीट पर कम्युनिस्टों को हराकर कमल खिलाने की जिम्मेदारी भी योगी आदित्यनाथ पर रही।
जो प्रभु राम को लाए हैं, वो आज हिमाचल आए हैं
विधानसभा चुनाव में हिमाचल की जनता ने योगी आदित्यनाथ को आस्था, सुशासन व सुदृढ़ कानून व्यवस्था के कारण सिर आंखों पर रखा। यहां की रैलियों में देखो-देखो कौन आया, शेर आया-शेर आया जैसे नारे लगे तो योगी जी को जयश्री राम कहकर जनमानस ने अभिवादन भी किया। पालमपुर में पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने उन्हें बुलडोजर बाबा के रूप में वैज्ञानिक भी करार दिया। वहीं प्रचार के आखिरी दिन नाचन में भाजपा प्रत्याशी ने कहाकि 500 वर्षों बाद जो अयोध्या में राम को लाए हैं, वह आज हिमाचल आए हैं। उनके इस कथन पर सामूहिक रूप से जनमानस ने हुंकार भरकर अपनी इस वाक्य पर अपनी मुहर लगाई।
मोदी के बाद योगी की ही सबसे अधिक मांग
देश के किसी भी राज्य का विधानसभा चुनाव हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद सबसे अधिक मांग योगी आदित्यनाथ की है। योगी के विकास, आस्था व सुशासन का संगम अब देश के कोने-कोने में पहुंच चुका है। अगले महीने गुजरात में भी दो चरणों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। गुरुवार को यहां भाजपा ने अपनी पहली सूची भी जारी कर दी। वहां भी योगी आदित्यनाथ के धुआंधार प्रचार करने की संभावना है। वहीं इसके पहले अन्य राज्यों में भी योगी आदित्यनाथ की मांग काफी रही।