कोरोना काल में महिलाओं को घर बैठे मिल रहा न्याय

दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और दुराचार जैसे मामलों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है।

Update: 2021-04-27 15:43 GMT

लखनऊ: कोरोना महामारी के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की महिलाओं को घर बैठे न्याय दिलाया जा रहा है। महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके साथ होने वाले अपराधों पर विराम लगाने के लिए महिला आयोग मजबूती से काम करने में जुटा है।

दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, छेड़छाड़ और दुराचार जैसे मामलों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। महिला आयोग की अध्यक्ष और सदस्य जमीनी स्तर पर इसके लिए ठोस कार्य योजना बनाकर काम करने में जुटे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक अप्रैल से महिला आयोग ने प्रदेश में पीड़ित महिलाओं की ऑनलाइन सुनवाई और उनको न्याय दिलाने का काम शुरू किया है।

महिलाओं को सशक्त और जागरूक बनाने के लिए अधिक सक्रियता से काम करना शुरू कर दिया है। महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने बताया कि प्रदेश के 75 जिलों में महिला आयोग की ओर से व्हाट्सएप 6306511708 जारी किया गया है। इस पर महिला उत्पीड़न की शिकायतों को मंगाया जा रहा है।

अध्यक्ष और सदस्य अपने निजी ई-मेल पर भी शिकायत पत्र मंगा रहे हैं। जिससे पीड़ित महिलाओं की सुनवाई और शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जा सके। फोन पर पीड़ित महिलाओं से बात की जा रही है। इसके बाद आवश्यकतानुसार जिलों के पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश जारी किए जा रहे हैं।

योगी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें समाज में बराबरी का दर्ज दिलाने के लिए तमाम योजनाएं चल रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य महिला आयोग को अपनी भूमिका बढ़ाते हुए महिलाओं को अपने अधिकारों और सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर टीम बनाकर काम करने के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि ऐसा करने से महिलाओं के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

महिलाओं को स्वाभिमान बढ़ाने में जुटी योगी सरकार

महिलाओं का स्वाभिमान बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने प्रदेश में मिशन शक्ति, स्वच्छ भारत मिशन, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला, उज्ज्वला, इंद्रधनुष जैसी योजनाएं संचालित की हैं।

सुरक्षा के लिए 112, 1090, 181 जैसी हेल्प लाइन भी प्रदेश में महिलाओं को सशक्त बनाने का काम तीव्र गति से कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री महिलाओं पर होने वाले अपराधों की सुनवाई के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट और पॉक्सो एक्ट के मामलों के लिए 74 कोर्ट भी शुरू कर चुके हैं।

पीड़ित के लिए महिला आयोग का व्हाट्सएप नम्बर

महिला आयोग की सदस्य अंजू प्रजापति ने बताया कि आयोग की ओर से प्रदेश की महिलाओं का कोरोना के समय की गई अभूतपूर्व पहल काफी कारगर हुई है। महिलाओं के लिये व्हाट्सएप नम्बर 6306511708 बड़ा हथियार बना है।

उत्पीड़न और हिंसा से पीड़ित महिलाओं की फरियाद की सुनवाई ऑनलाइन होने से उनको बल मिला है। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक इस पर अपनी शिकायतें भेज रही हैं। महिला आयोग की सदस्य सुनवाई के बाद अधिकारियों को महिला उत्पीड़न की वारदातों पर त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दे रही हैं।

कोरोना काल में भी लगातार सेवा दे रहा महिला आयोग

महिला आयोग मुख्यालय पर आने वाली शिकायतों का लगातार निस्तारण कर रहा है। साथ में जनपद की महिलाओं के मुख्यालय तक न पहुंच पाने की स्थिति में उनके लिए ऑनलाइन सेवा की शुरुआत काफी कारगर सिद्ध हुई है। आयोग की सदस्य सुनीता बंसल ने बताया कि अध्यक्ष और प्रदेश में आयोग के सदस्यों की ओर से निजी तौर पर भी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए उनकी शिकायतों के निस्तारण का काम तीव्र गति से किया जा रहा है।

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