माफिया मुख्तार सलाखों के पीछे से चला रहा था अपराध का साम्राज्य, जेल में रहते हुए दर्ज हुए 8 केस

पुलिस रिकाॅर्ड के अनुसार, मुख्तार अंसारी के अलावा के उसके परिवार परिवार के लोगों के खिलाफ 97 मुकदमे दर्ज हैं

Update: 2023-06-05 12:22 GMT

लखनऊ/वेबडेस्क।  अवधेश राय हत्याकांड में मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। मुख्तार अंसारी को लेकर अगर बात करें तो उनके खिलाफ गाजीपुर, वाराणसी, मऊ और आजमगढ़ के अलग-अलग थानों में करीब 61 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से आठ मुकदमे ऐसे हैं, जो कि जेल में रहने के दौरान दर्ज हुए थे। इससे यह साफ होता है कि उसकी पकड़ इतनी थी कि जेल में रहते हुए भी किसी भी आपराधिक वारदातों को अंजाम दे देता था।

उत्तर प्रदेश में जनपद गाजीपुर स्थित मोहम्मदाबाद युसूफपुर के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखने वाले मुख्तार अंसारी का नाम मंडी परिषद की ठेकेदारी को 1988 में स्थानीय ठेकेदार सच्चिदानंद राय की हत्या के मामले में पहली बार नाम आया था। बनारस में त्रिभुवन सिंह के कांस्टेबल भाई राजेंद्र सिंह की हत्या में भी मुख्तार का ही नाम सामने आया था।

सन 1991 में चंदौली में मुख्तार पुलिस की पकड़ में आया। उस पर रास्ते में दो पुलिस वालों को गोली मारकर फरार होने का आरोप है। 1991 में कांग्रेस नेता अजय राय की हत्या का भी आरोप था, जिसमें अंसारी समेत पांच लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। 1996 में एएसपी उदय शंकर पर जानलेवा हमला हुआ, उसमें भी उसका नाम सामने आया।1997 में पूर्वांचल के सबसे बड़े कोयला व्यवसायी रुंगटा के अपहरण के बाद वह अपराध की दुनिया में छा गया। 2002 में ब्रजेश सिंह ने मुख्तार अंसारी के काफिले पर हमला कराया था, जिसमें उसके तीन लोग मारे गए थे। साल 2005 के अक्टूबर माह में मऊ में भड़की हिंसा को लेकर भी उस पर आरोप लगे थे, जिन्हें खारिज कर दिया गया था।

परिजनों पर भी दर्ज है 97 मुकदमे 

पुलिस रिकाॅर्ड के अनुसार, मुख्तार अंसारी के अलावा के उसके परिवार परिवार के लोगों के खिलाफ 97 मुकदमे दर्ज हैं। भाई अफजाल अंसारी पर सात व सिबगतुल्लाह अंसारी पर तीन, मुख्तार की पत्नी आफ्शां अंसारी पर 11, मुख्तार के बेटे अब्बास अंसारी पर आठ, उमर अंसारी पर छह और अब्बास की पत्नी निखत बानो पर एक आपराधिक मुकदमा दर्ज है। आफ्शां अंसारी और उमर अंसारी मौजूदा समय में फरार घोषित हैं।

मुख्तार अंसारी पर वाराणसी में दर्ज मुकदमे 

  • आजमगढ़ के ढकवा निवासी संजय प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना सिंह ने 25 अक्तूबर 1988 को मुख्तार अंसारी सहित सात लोगों के खिलाफ कैंट थाने में हत्या के प्रयास के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था। नौ अगस्त 2007 को इस मामले में उसे दोषमुक्त किया गया था। 
  • सन 1990 की 24 जुलाई को शिवपुर निवासी देवेंद्र प्रताप सिंह ने अपहरण और डकैती के आरोप में मुख्तार अंसारी सहित अन्य लोगों के खिलाफ बड़ागांव थाना में मुकदमा दर्ज कराया था। हत्या के आरोप में मुख्तार अंसारी सहित पांच लोगों के खिलाफ पूर्व विधायक अजय राय ने तीन अगस्त 1991 को चेतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
  • जवाहर नगर एक्सेंटशन निवासी महावीर प्रसाद रूंगटा ने अपने भाई नंद किशोर रूंगटा के अपहरण के आरोप में भेलूपुर थाने में 23 जनवरी 1997 को मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में मुख्तार अंसारी सहित पांच आरोपितों के नाम सामने आये थे। वहीं, निचली अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में आरोपितों को दोषमुक्त कर दिया। यह मामला अब हाईकोर्ट में विचाराधीन है।
  • मुख्तार अंसारी के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत छह फरवरी 1998 को भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। नंद किशोर रूंगटा के बेटे नवीन रूंगटा ने भेलूपुर थाना में मुख्तार के खिलाफ धमकाने के आरोप में 17 जनवरी 1999 को मुकदमा दर्ज कराया था। 30 मार्च 1999 को इस मुकदमे में पुलिस की ओर से कोर्ट में अंतिम रिपोर्ट दाखिल की गई थी। 
  • कैंट थाने में आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य आरोपों में कचहरी चौकी इंचार्ज विनोद कुमार मिश्रा की तहरीर के आधार पर मुख्तार के खिलाफ कैंट थाने में 20 जुलाई 2022 को मुकदमा हुआ था। यह मामला अवधेश राय हत्याकांड से संबंधित पत्रावली के गायब होने से जुड़ा है।

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