झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए त्रिस्तरीय जांच के आदेश, चूना डालने पर मचा बवाल...
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया, आयुक्त-उपमहानिरीक्षक 24 घंटे में दें रिपोर्ट, अग्निशमन और मजिस्ट्रेटी जांच भी होगी
लखनऊ: झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा वार्ड (एसएनसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की झुलसने और दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना की जानकारी मिलते ही डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने तुरंत झांसी मेडिकल कॉलेज का दौरा करने का फैसला किया।
इस दर्दनाक घटना के बावजूद, जब मेडिकल प्रशासन को इसकी जानकारी मिली, तो उसने 10 नवजातों की मौत के बाद भी डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की अगवानी की तैयारियां करना नहीं छोड़ा।
रात के करीब 3:00 बजे, डिप्टी सीएम के आगमन से पहले, इमरजेंसी के पास चूना छिड़कवाया गया और अस्पताल के पर्दे आदि को दुरुस्त कराया गया। इस बात से सोशल मीडिया पर विवाद छिड़ गया है। लोगों का कहना है कि इस दुर्घटना के बाद डिप्टी सीएम का इस प्रकार स्वागत करना अमानवीय है।
जब इस बात की जानकारी डिप्टी सीएम को मिली तो डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि जिन लोगों ने चूना डालने आदि जैसा कृत्य किया है वो स्वीकार योग्य नहीं है। डिप्टी सीएम ने जिलाधिकारी झांसी को ऐसे लोगों को चिन्हित करके कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में अग्निकाण्ड की हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना की त्रिस्तरीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।
प्रथम दृष्टया, आयुक्त झांसी एवं उप महानिरीक्षक झांसी द्वारा 24 घंटे में इस घटना की जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने के निर्देश जारी किए हैं। अग्निशमन विभाग भी जांच करेगा। साथ ही, घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के निर्देश भी दिए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में अग्निकाण्ड की हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में मृतक बच्चों के पीड़ित परिजनों को 5-5 लाख एवं घायलों को 50-50 हजार रुपए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से दिए जाने का निर्णय लिया गया है।
मैं ईश्वर से घायल नवजात शिशुओं के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की करता हूँ। मैं व मेरी सरकार प्रदेशवासियों के हर दुःख, हर परिस्थिति में उनके साथ हैं। उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में अग्निकाण्ड की हुई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का स्थलीय निरीक्षण कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं। इस दौरान प्रमुख सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।