मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत व बचाव कार्य तेज

Update: 2021-09-10 17:24 GMT

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राज्य सरकार ने राहत व बचाव कार्य तेज कर दिया है। बाढ़ पीड़ितों को बीमारियों से बचाने के लिए बाढ़ग्रस्त इलाकों में मेडिकल टीम की संख्या बढ़ा दी गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता में किसी तरह की कमी न रखी जाए। उन्होंने हर बाढ़ पीड़ित को बचाने और उनके भोजन-पानी की व्यवस्था के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। 

राहत आयुक्त के मुताबिक वर्तमान में नदियों के जलस्तर या तो स्थिर हैं, या फिर उसमे कमी हो रही है। ऐसे संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों में स्थितियां सामान्य हो जाएंगी। इसके बावजूद सरकार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के बचाव और राहत का कार्य पहले से भी तेज कर दिया है। 

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सरकार ने 1079 मेडिकल टीमों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों के इलाज के लिए लगाया है। इन क्षेत्रों में 1134 बाढ़ शरणालय बनाए हैं जबकि 1321 बाढ़ चैकियां स्थापित की जा चुकी हैं। प्रवक्ता के अनुसार बचाव कार्य के लिए 6425 हजार साधारण नाव और 440 से अधिक मोटर बोट लगाई गई हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी की मदद से 42001 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। बाढ़ शरणालयों में बाढ़ प्रभावित इलाकों से आए लोगों के रहने, खाने-पीने की उचित व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि सरकार बाढ़ प्रभावित लोगों को अब तक 177132 ड्राई राशन किट, 484628 लंच पैकेट के साथ 141241.58 मीटर त्रिपाल भी वितरित कर चुकी है। 160128 पीने के पानी के पाउच, 188686 ओआरएस के पैकेट और 228336 क्लोरीन के टैबलेट भी लोगों को बांटे गये हैं।इसके अलावा पशुओं को बचाने के लिए 1513 से अधिक पशु शिविर बनाए हैं। अब तक 777922 से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया गया है। जिलो में बचाव व राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पीएसी को एलर्ट मोड पर रखा गया है।

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