छात्रों में राष्ट्रीयता के भावों का जागरण करें शिक्षकबंधु-जगदीश वशिष्ठ
-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मथुरा महानगर के तत्त्वावधान में आयोजित शिक्षक गोष्ठी;
मथुरा। आज विश्व पटल पर भारत का जो उदय हुआ, उसकी शिक्षकों के बिना कल्पना नही की जा सकती। किसी भी देश का स्वर्णिम समय वह होता है, जब वह पतन के बाद पुनः खड़ा होता है। यह कहना था राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रजप्रांत संघचालक जगदीश वशिष्ठ का।
वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, मथुरा महानगर के तत्वावधान में बीएसए कॉलेज में आयोजित शिक्षक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। 'उदीयमान भारत में शिक्षक की भूमिका' पर बोलते हुए जगदीश वशिष्ठ ने कहा कि अब एक बार पुनः अवसर प्राप्त हुआ है कि हम अखंड भारत का निर्माण करें और बच्चों में राष्ट्रीयता के भावों का जागरण करें।
गोष्ठी के मुख्यातिथि डाॅ. बीआर आंबेडकर विवि के कुलपति प्रो. अरविंद दीक्षित ने कहा कि शिक्षकों को हमेशा अपने कर्तव्यों के प्रति संकल्पबद्ध रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता भागवताचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने की। गोष्ठी के दौरान विभाग संपर्क प्रमुख डाॅ. कमल कौशिक ने अपने द्वारा लिखित पुस्तक 'एकात्मवामानव दर्शन के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाध्याय' सभी अतिथियों को भेंट की। गोष्ठी में सरस्वती वंदना मुकेश शुक्ला, एकल गीत कीर्ति ने तथा नीतू ने कल्याण मन्त्र कराया।
इस अवसर पर महानगर संघचालक लालचन्द, डाॅ. वीरेन्द्र मिश्रा, केकेे कनौडिया, विभाग प्रचारक गोविंद जी, विभाग कार्यवाह डाॅ. संजय, महानगर कार्यवाह शिव कुमार, भाग प्रचारक संदीप, डाॅ. बबीता अग्रवाल, मुकेश शर्मा, ब्रजेश उपाध्याय, जितेंद्र सिंह, माधव आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे। संचालन डाॅ. ललित मोहन शर्मा ने किया। गोष्ठी में मंच व शिक्षकबंधुओं के लिए पेयजल की व्यवस्था मिट्टी के पात्रों में की गई। प्रकृति संरक्षणार्थ स्वयंसेवकों की इस अभिनव पहल का गोष्ठी में उपस्थित सभी शिक्षकबंधुओं ने मुक्तकंठ से प्रशंसा भी की।
फोटो संलग्न
रु मुकेश शर्मा