कोरोना विस्फोट की तैयारी कर रहा है स्वास्थ्य विभाग
-फ्रंटलाइन पर काम कर रहे 200 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों को लेकर हद दर्जे की लापरवाही;
दिनेश कुमार
मथुरा। जिन कंधों पर कोरोना को रोकने की जिम्मेदारी है वो ही स्वास्थ्य विभाग में मथुरा में कोरोना विस्फोट की तैयारी कर रहा है। हद दर्जे की लापरवाही ऐसी कि जिसका परिणाम पूरे मथुरा को भुगतना पड़ेगा।
कोरोनो को लेकर बीते एक माह से स्वास्थ्य विभाग की टीम फील्ड में काम कर रही है। सरकारी अस्पतालों में संदिग्ध मरीजों को चिकित्सक देख रहे है, स्टाॅफ काम कर रहा है तो सीएमओ कार्यालय के कंट्रोल रूम की टीमें सूचना पर दौड़ रही है। इसके अलावा करीब दो दर्जन लैब टैक्नीशियन क्वारंटाइन सेंटरों से सैंपल लेकर जांच को भेज रहे है। कुल मिलाकर ये संख्या 200 के करीब है।
अब स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही देखिए नियम अनुसान इन सभी लोगों की ड्यूटी रोस्टर वार लगनी चाहिए और इन सभी को क्वारंटीन सेंटर में रोकना चाहिए। ड््यूटी समाप्त होेने के बाद निश्चित अवधि तक कवारंटीन रखने के बाद इन्हें घर भेजा जाना चाहिए। लेकिन जो हो रहा है वो आपके रौंगटे खड़े कर देगा। ये स्वास्थ्य कर्मी प्रतिदिन अपने घर जा रहे है, लोगों से मिलजुल रहे है। यहां तक कि जिला अधिकारी कार्यालय से लेकर सीएमओ कार्यालय तक खुलेआम घूम रहे है।
कल्पना कीजिए इनमें से एक भी कोरोना संक्रमित के संपर्क में आया होगा तो अपने परिवार, मेलजोल वालों के लिए बड़ा खतरा बन जाएगा। जिसकी प्रबल संभावना है। उदाहरण के लिए सौ शैय्या के वार्ड की पाॅजिटिव रिपोर्ट आने के बाद वहां के स्टाॅफ और डाक्टरों के साथ उसके परिजनों को भी क्वारंटीन करना पड़ा है। ऐसे में हालात बिगड़ तो संभाले नहीं संभलेंगे।
संविदा कर्मचारी संघ ने याद दिलाया शासनादेश
मथुरा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ ने सीएमओ को पत्र लिखकर प्रमुख सचिव के शासनादेश की याद दिलाई है। पत्र में कहा गया है कि लैब टैक्नीशियन और स्टाॅफ नर्स संक्रमित के बेहद करीब रहते है। ऐसे में क्वारंटीन प्रोटोकाॅल अत्यंत आवश्यक है। इस पत्र की प्रतिलिपी लखनऊ के अधिकारियों को भी भेजी गई है।