कानपुर की पुलिस मुठभेड़ में शहादत के बाद मथुरा के गांव बरारी में सन्नाटा

-इस मुठभेड़ में बदमाशों की गोली से गांव का लाल जितेंद्र पाल सिंह भी हुआ शहीद, 2018 में हुई थी पुलिस में भर्ती

Update: 2020-07-03 07:52 GMT


मथुरा। कानपुर में देर रात शातिर बदमाशों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इन पुलिस कर्मियों में एक मथुरा के गांव बरारी (हाल निवासी सोमनाथ मैरिज होम निकट इंदिरा आवासीय काॅलाीन) का नौजवान जितेंद्र पाल सिंह भी है। 26 वर्षीय युवा जितेंद्र पाल सिंह 2018 की पुलिस भर्ती में सिपाही बने थे। जितेंद्र अविवाहित है और घर में सबसे बड़े है, उनके दो भाई और बहिन भी है।




 


शहादत की सूचना जैसे ही गांव बरारी स्थित उनके पैतृक आवास पर पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसर गया। करूण क्रंद्रन के बीच माता-पिता और भाई कानपुर रवाना हो गए। इधर जितेंद्र पाल सिंह के इंदिरा आवास स्थित आवास पर भाई सुरेंद्र पाल सिंह भाई की शहादत के बाद गमगीन है। उन्होंने बताया कि उनके भाई में देशभक्ति का जज्बा था ये ही वजह रही कि उन्होंने पुलिस की नौकरी चुनीं।

ये घटना हुई, जिससे हिल गई सरकार

बीती देर रात ये घटना कानपुर में चैबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव की है। गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे बिठूर और चैबेपुर पुलिस ने मिलकर डाॅन विकास दुबे के गांव बिकरू में उसके घर पर दबिश दी। घटना में घायल बिठूर एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास और उसके 8-10 साथियों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। घर के अंदर और छतों से गोलियां चलाई गईं।  

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