पांच एकड़ में बनेगा काशी विश्वनाथ और महाकाल जैसा भव्य श्रीबांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर
307 भवन चिन्हांकन की चपेट में आए
मथुरा। ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के पांच एकड़ के क्षेत्र में कॉरिडोर का निर्माण होना है। कॉरिडोर की भव्यता काशी विश्वनाथ और उज्जैन महाकाल की तर्ज पर होगी। जिलाधिकारी पुलकित खरे ने नगर आयुक्त अनिल झा की अध्यक्षता में आठ सदस्य समिति का गठन कर दी है, जिसने मीटिंग के बाद अपना कार्य भी शुरू कर दिया है।
समिति कॉरिडोर क्षेत्र का चिह्नांकन शुरू हो चुका है संभवतः दो-तीन दिनों में यह पूरा कर लिया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी। बांके बिहारी जी कॉरिडोर क्षेत्र में 307 भवन आएंगे। इनमें कुछ घर हैं,कुछ धर्मशाला तो कुछ पुरानी कुंज। इसके अलावा 14 गलियां रहेंगी। इस कॉरिडोर से बांके बिहारी जी मंदिर के समीप मौजूद प्राचीन राधा बल्लभ मंदिर और मदन मोहन को दूर रखा जाएगा। लेकिन करीब आठ छोटे मंदिर इस दायरे में आ सकते हैं।चतुर्भुज के आकार का गलियारा बनाया जाएगा। हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद इन मकान और प्रतिष्ठानों को ध्वस्त किया जाएगा। एक मोटे अनुमान के मुताबिक, करीब इस दायरे में आने वाली संपत्तियों का मूल्यांकन करीब ढाई सौ करोड़ रुपये है। तीन से चार दिन में मूल्यांकन का कार्य पूरा होगा।
आठ सदस्यीय कमेटी का किया गठन
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने नगर आयुक्त अनुनय झा की अध्यक्षता में आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है। समिति ने अपना काम शुरू कर दिया। समिति के सदस्य विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार, अपर जिलाधिकारी वित्त योगानंद पांडेय, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर अजय जैन, अपर नगर आयुक्त क्रांतिशेखर सिंह, सहायक अभियंता बीसी मिश्रा, सीओ सदर प्रवीण मलिक, सिटी मजिस्ट्रेट सौरभ दूबे, चीफ इंजीनियर आरसी मिश्रा वृंदावन पहुंचे। इसके बाद होटल शुभम मैजेस्टी में राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इसके बाद चिन्हांकन शुरू कर दिया।
ढाई सौ करोड़ की संपत्तियों का मूल्यांकन
एक अनुमान के मुताबिक, मंदिर के अगल-बगल और पीछे करीब 25 मीटर का दायरा रहेगा, जबकि आगे का हिस्सा काफी चौड़ारहेगा। जुगल घाट के पास परिक्रमा मार्ग से गलियारा शुरू होगा। करीब आधा दर्जन से अधिक कुंज गलियां भी इसके दायरे में होंगी। गलियों की चौड़ाई करीब 12.50 से बीस फीट तक रहेगी। भू-संपत्तियों के आकलन के बाद बांकेबिहारी पुलिस चौकी पर भी आगे की रणनीति बनाई गई। एक अनुमान के मुताबिक यहां आने वाले संपत्तियों का मूल्यांकन करीब ढाई सौ करोड़ के आसपास पहुंचेगा। अगले तीन से चार दिन में मूल्यांकन का कार्य पूरा होगा।
यहां किया चिन्हांकन
समिति के सदस्यों ने जुगलघाट से बांकेबिहारी मंदिर आने वाले मार्ग पर दोनों ओर 15-15 मीटर का चिन्हांकन किया। इसके साथ ही बांकेबिहारी मंदिर को केंद्र में रखते हुए 25 मीटर का सर्किल के लिए मूल्यांकन व चिन्हांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी। इसमें बिहारीपुरा, वीआइपी रोड, पुलिस चौकी के सामने गली, जंगलकट्टी, राधावल्लभ मंदिर की सीढ़ियों वाला रास्ता, कोयलिया घाट, सनेहबिहारी मंदिर गली, पुराना शहर के चौड़ीकरण का प्रस्ताव बनाया है।
दायरे में आएंगे कई मंदिर
पांच एकड़ में प्रस्तावित गलियारे के दायरे में कई मंदिर भी आ रहे हैं। बांकेबिहारी मंदिर के आसपास घरों में भी काफी मंदिर बने हैं। अब टीम ये देख रही है कि कोई प्राचीन मंदिर तो इसकी चपेट में नहीं आ रहा है। उसका महत्व और पौराणिकता पता की जाएगी।
17 जनवरी को कोर्ट में दाखिल होगी रिपोर्ट
श्रीबांके बिहारी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का प्लान जिलाधिकारी 17 जनवरी को हाईकोर्ट में दाखिल करेंगे। इसके लिए जमीन का चिन्हांकन और मूल्यांकन किया जा रहा है। रिपोर्ट में बताना है कि इस प्लान पर कितना खर्च आएगा। बिहारीजी कॉरिडोर चिन्हांकन व मूल्यांकन समिति के अध्यक्ष अनुनय झा ने बताया कि न्यायालय के आदेश के क्रम में श्रीबांकेबिहारी मंदिर से जुड़े क्षेत्र के विकास की योजना बनाई जा रही है। जिससे यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मुहैया हो सकें। इस पर खर्च का आंकलन संपत्ति के मूल्यांकन से किया जा रहा है। इसके लिए गठित टीम ने चिन्हांकन और मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।