श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले पर नजर रखने को गठित हुई संतों की कमेटी

Update: 2023-07-13 21:05 GMT

वृंदावन। श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद को लेकर श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास ने रमणरेती मार्ग स्थित हनुमान टेकरी पर संतों संग बैठक की, जिसमें संतों ने अदालत में चल रहे मुकदमे में साथ देने का भरोसा दिलाया।

न्यास अध्यक्ष अधिवक्ता महेंद्रप्रताप सिंह ने मुकदमे में अब तक की कार्रवाई और सुप्रीम कोर्ट में कैवियेट दाखिल करने की जानकारी दी। राजकीय संग्रहालय में रखी ऐतिहासिक पुस्तकों के बारे में भी बताया, जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि का इतिहास उल्लिखित है। कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त कराने को लगातार अपनी रणनीति को तेज कर रहे हैं। औरंगजेब ने भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर को तहस-नहस कर उनके विग्रहों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया था, इन विग्रहों को वापस लाना है। कहा कि जल्द ही भगवान श्रीकृष्ण के भव्य मंदिर का निर्माण कराएंगे और सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में स्पेशल बेंच बनाकर प्रतिदिन सुनवाई की मांग करेंगे।

अध्यक्षता करते हुए संत गोविंदानंद तीर्थ ने कहा कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए संत हरसंभव मदद को साथ खड़े हैं। पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास एवं स्वामी चित्प्रकाशानंद ने कहा कि जब तक श्रीकृष्ण जन्मभूमि अतिक्रमण मुक्त नहीं होती, सतं आंदोलन में कदम से कदम मिलाकर साथ देंगे। बैठक में संतों की एक कमेटी गठित की गई, जो श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले पर नजर रखने के साथ रणनीति तय करेगी। जैसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के दौरान क्या साक्ष्य प्रस्तुत करने हैं, संतों ने मामले में मंथन किया।

इस अवसर पर डा. स्वामी आदित्यानंद, कृष्णानंद, महामंडलेश्वर नवल गिरि, महंत मोहिनीबिहारी शरण, सत्यमित्रानंद, रमेश शास्त्री, संत दशरथ दास, श्यामसुंदर ब्रजवासी, सतेंद्र सिंह, सतीश, जितेंद्र सिंह, ईश्वरचंद्र रावत, अशोक प्रताप सिंह, देवानंद, जुगल बाबा आदि उपस्थित थे।

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