वृंदावन। परिक्रमा मार्ग जगन्नाथ घाट स्थित जगन्नाथ मंदिर में जलयात्रा महोत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें भक्तजनों ने अपने आराध्यदेव की मनोहारी झांकी के दर्शन कर पुण्यलाभ अर्जित किया। वहीं भगवान जगन्नाथ अत्यधिक स्नान से बीमार हो गए, जो 15 दिन बाद भक्तों को दर्शन देंगे।
प्राचीन मान्यतानुसार ठाकुरजी को ज्येष्ठ मास की गर्मी से राहत प्रदान करने के लिए पूर्णिमा के दिन जलयात्रा यानी सहस्रधारा स्नान महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें वैदिक मंत्रोच्चारण एवं हरिनाम संकीर्तन के मध्य भगवान जगन्नाथ को जल से सहस्त्रधारा स्नान कराया जाता है। वहीं अधिक स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ के अस्वस्थ हो जाने के कारण श्रद्धालुओं को आगामी करीब दो सप्ताह तक अपने आराध्य के दर्शन सुलभ नहीं हो पाते हैं। क्योंकि इन दिनों के मध्य सेवायतों द्वारा ठाकुरजी का जड़ी-बूटी औषधियों से उपचार किया जाता है।
जगन्नाथ घाट स्थित प्राचीन जगन्नाथ मंदिर में सहस्रधारा स्नान महोत्सव अंतर्गत महंत स्वामी ज्ञानप्रकाश पुरी महाराज द्वारा भगवान जगन्नाथ के साथ उनके ज्येष्ठ भ्राता बलभद्र व बहन सुभद्रा का वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य जल सहस्रधारा से स्नान तथा फलों के रस से महाभिषेक किया गया। वहीं भगवान के महाभिषेक दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। महाराजश्री ने बताया कि सहस्त्रधारा स्नान में ज्यादा भीग जाने के कारण ठाकुरजी बीमार हो जाने पर 15 दिन के लिए एकांत विश्राम में चले गए हैं। जहां उनका विभिन्न जड़ी-बूटियों से उपचार किया जाएगा। इसके बाद भगवान जगन्नाथ 20 जून को प्रात: दर्शन देंगे और शाम को रथयात्रा निकाली जाएगी, जिसमें भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा एवं बलभद्र रथ पर विराजमान होकर नगर भ्रमण करेंगे।