मथुरा। नगर निगम के कार्यालय में अव्यवस्था के चलते नगरवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां अपनी फरियाद लेकर आने वालों का कहना है कि जब नगर निगम नहीं बना था तब यहां पालिका थी तब इतनी दिक्कतें काम कराने में नहीं होती थी। वहीं निगम कर्मचारियों का कहना है कि यहां बने छोटे-छोटे कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी काम में बाधा उत्पन्न कर रही है।
मथुरा-वृंदावन दोनों नगर पालिकाओं और 51 ग्राम पंचायतों को मिलाकर मथुरा वृंदावन नगर निगम बनाया दिया गया था। यहां नगर निगम तो बन गया लेकिन निगम कार्यालय के लिए पर्याप्त ऑफिस नहीं है। दुकान नुमा छोटे-छोटे कार्यालयों को नये बड़े कार्यालयों में हस्तारंतरण के लिए आदेश दिये गये। जिससे कर विभाग तथा जन्म मृत्यु विभाग तमाशा बनकर रह गये है। इनमें जरूरत तो एक बड़े हाल की। मगर यह कार्यालय एक दुकान में समाहित है।
जन्म मृत्यु विभाग में प्रतिदिन काफी संख्या में लोग जन्म मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आते हैं। जिससे यह कार्यालय छोटा पड़ता है। जिसमें लोगों के बैठने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। जिससे इसमें तैनात कर्मचारियों को भी भारी असुविधा उठानी पड़ती है।