श्रीरंगनाथ मंदिर का दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव 10 मार्च से होगा शुरू

मंदिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ अंकुरारोपण, देव आह्वान, ध्वजारोहण से होता है.

Update: 2023-03-05 15:35 GMT

वृंदावन। श्रीरामानुज संप्रदाय के प्रसिद्ध श्रीरंगनाथ मंदिर का दस दिवसीय ब्रह्मोत्सव 10 से 19 मार्च तक मनाया जाएगा, जिसमें भगवान गोदारंगमन्नार प्रतिदिन प्रातः-सायं स्वर्ण-रजत के दिव्य वाहनों पर सवार होकर मंदिर से बगीचा तक भ्रमण करते हुए भक्तों को दर्शन देंगे।

मंदिर की सीईओ अनघा श्रीनिवासन ने बताया कि ब्रह्मोत्सव का शुभारंभ अंकुरारोपण, देव आह्वान, ध्वजारोहण से होता है, जिसमें दक्षिण भारतीय वेदपाठी विद्वान वेदमंत्रों से आह्वान करते हैं। पुरोहित विजय मिश्र ने बताया कि ठाकुरजी 10 मार्च को प्रातः पूर्णकोठी व सायं सिंह की सवारी की सवारी करेंगे, 11 मार्च को प्रातः सूर्यप्रभा व सायं हंस, 12 मार्च को प्रातः गरुड़जी व सायं हनुमानजी पर विराजमान होकर छोटी आतिशबाजी का आनंद लेंगे। 13 मार्च को प्रातः शेषनाग व सायं कल्पवृक्ष, 14 मार्च को प्रातः पालकी व सायं सिंह शार्दूल की सवारी एवं 15 मार्च को प्रातः 9 से मध्यान्ह 12 बजे तक ठाकुरजी कांच के विमान में विराजमान होकर भक्तों के साथ होली खेलेंगे तथा रात्रि में हाथी पर सवार होंगे।

स्वामी रघुनाथ ने बताया कि मेला के मुख्य आकर्षण का केंद्र रथ का मेला 16 मार्च को होगा, जिसमें ठाकुरजी प्रातः 7.30 से अपरान्ह 3 बजे तक करीब 50 फुट ऊंचे चंदन की लकड़ी से निर्मित रथ में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देंगे। 17 मार्च को सायं घोड़े पर सवार होकर बड़ी आतिशबाजी का आनंद लेंगे। 18 मार्च को प्रातः पालकी, दोपहर को पुष्करणी में अवभृथ स्नान एवं रात्रि 8 बजे चंद्रप्रभा की सवारी करेंगे। 19 मार्च को महोत्सव का समापन रात्रि में पुष्पक विमान में विराजमान ठाकुरजी की झांकी के साथ होगा।


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