प्रयाग घाट पर यमुना का जल स्तर पहुंचा 164.72 मीटर
निरंतर बढ रहा है मथुरा में यमुना का जल स्तर, खतरे के निशान से 1.28 मीटर नीचे
मथुरा। हरियाणा के हथिनी कुंड और दिल्ली के ओखला वैराज से यमुना में छोड़े जा रहे पानी के कारण मथुरा-वृंदावन में यमुना के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिला प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर आ गया है, 40 बाढ़ चौकियां बना दी गई हैं। डीएम ने संबंधित तहसीलों के एसडीएम और थाना पुलिस को सक्रिय कर दिया है। एसडीएम सदर द्वारा कोयला घाट का निरीक्षण किया गया।
अपर खंड आगरा कैनाल के अधिशासी अभियंता कार्यालय में खुले बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार हथिनी कुंड से 2 लाख 44 हजार 287 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जबकि ओखला वैराज से बुधवार की मध्यान्ह 12 बजे तक 1 लाख 75 हजार 080 क्यूसेक पानी एवं ताजेवाला बांध से 1 लाख 37 हजार 429 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे यमुना मथुरा के प्रयाग घाट पर सुबह आठ बजे अभी 164.65 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 1.35 मीटर नीचे थी। बाढ़ नियंत्रण प्रभारी जेई राकेश सिंह ने बताया कि दोपहर 2 बजे तक प्रयाग घाट पर यमुना का जल स्तर 164.72 मीटर हो गया है, खतरे के निशान से 1.28 मीटर नीचे है। एसडीएम के साथ लेखपाल, वार्ड पार्षद राकेश यादव भी मौजूद रहे।
कलेक्ट्रेट में बाढ़ नियंत्रण कक्ष स्थापित
अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व ने अवगत कराया है कि पहाड़ों पर अत्याधिक वर्षा होने के कारण यमुना नदी में ताजेवाला बैराज से 309520 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है एवं इसके उपरान्त भी 02 से 2.50 लाख क्यूसेक निरंतर पानी छोडा जा रहा है तथा दिल्ली क्षेत्र में विगत दिवसों में अत्याधिक वर्षा होने के कारण जनपद मथुरा में यमुना नदी के जल स्तर में बढ़ोत्तरी होगी।
उक्त के दृष्टिगत इस वर्ष कलेक्ट्रेट परिसर स्थित इमरजेंसी ऑपरेशन सेन्टर (ईओसी) में बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है, जिसका दूरभाष नम्बर-0565-2974934 एवं 0565-2972962 है। बाढ़ नियंत्रक कक्ष 24 घंटे संचालन रहेगा। सूचना, मदद, शिकायत, सुझाव आदि हेतु उक्त दूरभाष नम्बरों पर संपर्क कर सकते हैं।
जान जोखिम में डालकर पंचकोसीय परिक्रमा कर रहे हैं श्रद्धालु
तीर्थनगरी वृन्दावन में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण वाराह घाट से लेकर वृन्दावन-पानीगांव पुल के नीचे पानीघाट तक प्रशासन की मौन शह पर भूमाफियाओं द्वारा विकसित की गई अवैध कॉलोनियों में जलभराव हो चुका है। लोग भयभीत हैं और जलस्तर अधिक बढ़ने की आशंका में सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर रहे हैं। यदि इसी गति से जलस्तर में इजाफा होता रहा तो इन अवैध कॉलोनियों में बसे लोगों के लिए बड़ी मुसीबतों खड़ी होंगीं। वहीं दूसरी ओर केसीघाट की सीढ़ियों से होकर गुजरने वाली धाम की पंचकोसीय परिक्रमा जलस्तर बढ़ने से पूरी तरह बाधित हो चुकी है। बावजूद इसके नियमसेवी श्रद्धालु परिक्रमार्थी जान जोखित में डालकर परिक्रमा कर रहे हैं। इन्हें रोकने के लिए प्रशासन और पुलिस विभाग द्वारा अब तक न ही कोई बेरीकेडिंग की गई है और न ही कोई चेतावनी जारी की गई है।