एएमयू में पहली बार पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, वैक्सिनेशन पर दिया जोर
यहां मुख्यमंत्री ने एएमयू के कुलपति से मिलकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और कमर्चारियों के निधन पर दुख जताया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने एएमयू के सभागार में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने को लेकर किए गए प्रबंधों की समीक्षा की तथा वैक्सीनेशन की प्रगति जानी।
लखनऊ: कोरोना संक्रमण से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के कई प्रोफेसर सहित कुछ 16 लोगों की चंद दिनों में ही मृत्यु हो गई। एएमयू के लिए कोरोना का यह कहर एक बड़ी त्रासदी सरीखा है। समूचा एएमयू परिसर इस त्रासदी को लेकर सदमें में है। सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कोरेना की त्रासदी को झेलने वाली एएमयू को लेकर चिंतित हुए। जिसके चलते ही उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर को हर तरह से सहयोग करने का वादा करने के 48 घंटे के भीतर ही अलीगढ़ जाने का फैसला कर लिया और गुरूवार को मुख्यमंत्री लखनऊ से सीधे एएमयू आ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहली बार एएमयू पहुंचे।
यहां मुख्यमंत्री ने एएमयू के कुलपति से मिलकर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और कमर्चारियों के निधन पर दुख जताया। उसके बाद मुख्यमंत्री ने एएमयू के सभागार में कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने को लेकर किए गए प्रबंधों की समीक्षा की तथा वैक्सीनेशन की प्रगति जानी।
एएमयू के सभागार में हुई बैठक के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वैक्सीनेशन पर जोर दिया। उन्होंने कहा वैक्सीन कोरोना से बचाव का सुरक्षा चक्र है। सभी को वैक्सीनेशन में भागीदार बनना है। डीएम व एएमयू प्रशासन इस बिंदु पर भी काम करें। टेस्ट कराने पर जोर दिया जाए, हर कोरोना संक्रमित के बेहतर इलाज का प्रबंध हो। वैक्सीनेशन के साथ संक्रमण को रोकना भी प्राथमिकता है, इसके लिए वैक्सीनेशन सेंटर बढ़ाए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सप्ताह में कम से कम एक बार जन प्रतिनिधियों के साथ वर्चुअल मीटिंग करने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि हर चुनौती के लिए तैयार रहना होगा। पैरामेडिकल स्टाफ ट्रेनिंग के कार्यक्रम भी चलते रहें। मैन पावर की कमी नहीं होनी चाहिए। ज्यादा से ज्यादा कोरोना संदिग्धों के टेस्ट कराए जाएं। किसी पाजिटिव मरीज की जांच में देर से उसकी जान जा सकती है। एंबुलेंस वहीं उपलब्ध कराएं, जहां मरीज है।
मुख्यमंत्री ने लोगों से कहा कि बीमारी को छिपाए नहीं, इलाज कराए, सरकार सभी का इलाज करा रही है। इसलिए बीमारी ना छिपाए। इलाज कराए। मास्क पहने और कोरोना से अपनी सुरक्षा करें। उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है, इसलिए सभी की जान बचानी है। इसके बाद मुख्यमंत्री जिले के देवसैनी गांव का निरीक्षण करने रवाना हुए हैं। वहां मुख्यमंत्री कुलदीप सैनी से मिले। कुलदीप को भी कोरोना ने अपनी गिरफ्त में लिया था, अब वह ठीक हो गया है। मुख्यमंत्री ने उसके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उसे सतर्क रहने तथा टेस्ट कराने की भी सलाह दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गुरूवार को अलीगढ़ आना और एएमयू जाना समूचे अलीगढ़ में चर्चा का विषय बना। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करीब नौ बार अलीगढ़ आ चुके हैं। परन्तु वह कभी भी एएमयू नहीं गए थे।
आज पहली बार वह विश्व प्रसिद्ध अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पहुचे। वहां वह डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक रहे। इस यूनिवर्सिटी को वर्ष 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित किया गया था। वर्ष 1921 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से इसे केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया। 13 मई का यह दिन एएमयू के लिए ख़ास हो गया है क्योंकि 33 साल बाद इस यूनिवर्सिटी में यूपी के सीएम के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां पहुंचे। इसके पहले वर्ष 1988 में नारायणदत्त तिवारी यहां आए थे। इस यूनिवर्सिटी के डॉ. राहत अबरार के मुताबिक पंडित गोविंद बल्लभ पंत भी यूनिवर्सिटी परिसर में अतिथि के रूप में आ चुके हैं।