गोरखपुर: पीक से 90 फीसद गिरा दैनिक संक्रमण का ग्राफ, एक्टिव केस हुए आधे
20 दिनों में जिले में एक्टिव केस आधे से भी कम पर हैं, तो प्रतिदिन मिलने वाले नए केस में भी पीक से करीब 90 फीसद की गिरावट आई है।
गोरखपुर: योगी सरकार की आंशिक कोरोना कर्फ्यू की नीति और ट्रिपल टी की रणनीति से कोरोना की दूसरी लहर को काबू करने में बहुत हद तक सफलता मिली है। गोरखपुर में कोरोना संक्रमण के जो आंकड़े अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह में सबके दिल मे डर पैबस्त कर रहे थे। अब नीतिगत तैयारी और वैश्विक महामारी के खिलाफ रणनीतिक लड़ाई से अब राहत का संदेश दे रहे हैं। 20 दिनों में जिले में एक्टिव केस आधे से भी कम पर हैं, तो प्रतिदिन मिलने वाले नए केस में भी पीक से करीब 90 फीसद की गिरावट आई है।
अप्रैल माह में गोरखपुर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार देख लोग भयाक्रांत होने लगे थे। आखिरी सप्ताह के आंकड़े तो और डराने वाले थे। 25 अप्रैल को जिले में एक दिन के सर्वाधिक 1440 नए मामले आए। 30 अप्रैल को कुल एक्टिव केस की संख्या 10308 पर पहुंच गई। कोरोना का सेकंड वेव पहले वेव की तुलना में कई गुना रफ्तार वाला रहा। इस पर काबू पाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दो मोर्चे खोले। पहला लोगों के जीविका की रक्षा करते हुए संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए आंशिक कोरोना कर्फ्यू और दूसरा संक्रमण की हो चुकी दस्तक के खिलाफ ट्रिपल टी का हथियार। योगी सरकार ने आंशिक कोरोना कर्फ्यू की शुरूआत 16 अप्रैल को इस घोषणा से की कि शनिवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक आवश्यक सेवाओं को छोड़ बाकी सेवाओं व आवागमन पर पाबंदी रहेगी। सरकार इसे चरणवार बढ़ाती गई और 3 मई से क्रमशः सप्ताह-सप्ताह के लिए इसे बढ़ाने का क्रम जारी रखा गया।
आंशिक कोरोना कर्फ्यू के बीच संक्रमित हो चुके लोगों का पता लगाने और उनके इलाज के लिए ट्रिपल टी मॉडल यानी ट्रेस, टेस्ट और ट्रीटमेंट को लगातार तेज किया। आंशिक कोरोना कर्फ्यू और ट्रिपल टी मॉडल से कोरोना संक्रमण में कमी की तस्दीक स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े करते हैं।
डेली केस के पीक (25 अप्रैल को 1440) की तुलना में काफी कम 20 मई को 195, 21 मई को 294 व 22 मई को 180 केस मिले हैं। कुल एक्टिव केस भी अधिकतम के आंकड़े से गिरकर आधे से भी कम (4525) पर आ गए हैं। लोग सरकार द्वारा तय गाइड लाइन का पालन करते रहे तो संक्रमण का ग्राफ दहाई और फिर इकाई की ओर लुढ़कता रहेगा।