गोरखपुर: मेडिकल ऑक्सीजन के लिए पार्षद ने दिया धरना, 19 लोगों की बची जान

हरकत में आई प्रशासन ने अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाया। जिसके वजह से 19 मरीजों की जिंदगी बच गई।

Update: 2021-04-23 16:09 GMT

गोरखपुर: अस्पताल में भर्ती कोविड-19 से पीड़ित मरीज को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए लिए पार्षद को कमिश्नर आवास पर धरने के लिए बैठना पड़ा। इसके बाद हरकत में आई प्रशासन ने अस्पताल में ऑक्सीजन पहुंचाया। जिसके वजह से 19 मरीजों की जिंदगी बच गई।

मरीजों को ऑक्सीजन मुहैया कराने के लिए धरना पर बैठे बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी ने बताया कि कोविड-19 से पीड़ित मरीजों बुरा हाल है। गंभीर रूप से बीमार लोगों को जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा है। प्रशासन ऑक्सीजन की व्यवस्था को लेकर तरह-तरह के दावे कर रही है। यह दावा खोखला और हवा हवाई है।

पार्षद ने बताया कि सुबह हमारे आवास एक व्यक्ति पहुंचा था। उसने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर के स्थित एक निजी अस्पताल में उसका मरीज भर्ती है। उसे ऑक्सीजन नहीं मिल रहा है। यदि समय से ऑक्सीजन नहीं मिला तो वहां भर्ती 19 मरीजों का जीवन खतरे में पड़ सकता है। कृपया आप मदद करें उस व्यक्ति के साथ पार्षद अस्पताल पहुंचे तो जानकारी मिली कि सुबह से हॉस्पिटल में ऑक्सीजन खत्म हो गया है।

ऑक्सीजन ना होने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा मरीजों के परिजनों पर डिस्चार्ज कराने दबाव बनाया जा रहा था। पार्षद ने ऑक्सीजन खत्म होने की जानकारी अधिकारियों को दिया लेकिन सभी ने उनकी बात अनसुनी कर दी। अंततः वह, कमिश्नर आवास के सामने धरने पर बैठ गए। पार्षद ने बताया कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वह सिर्फ एक व्यक्ति के साथ धरने पर बैठा थे। उनके धरने पर बैठते ही कमिश्नर आवास का गेट बंद करवा दिया गया था। कुछ देर बाद कमिश्नर आवास से आए एक व्यक्ति ने उनको बताया गया कि दो ऑक्सीजन सिलेंडर हॉस्पिटल पहुच गया है। आप धरना खत्म कर दे बाकी सिलेंडर पहुच जायेगा। तब जाकर धरना खत्म हुआ।

बच गई 19 मरीजों की जान

महुआ स्थित निजी अस्पताल में 19 ऐसे मरीज थे जिनको ऑक्सीजन की जरूरत थी। ऑक्सीजन खत्म होने की सूचना एक मरीज के परिजन ने बेतियाहाता वार्ड के पार्षद विश्वजीत त्रिपाठी को दिया। अस्पताल में ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री के निजी सचिव तथा जिलाधिकारी गोरखपुर तथा मंडलायुक्त से वार्ता किया। कहीं से कोई सकारात्मक जवाब न मिलने पर पार्षद मंडलायुक्त आवास पर धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे हरकत में आई प्रशासन ने अस्पताल में ऑक्सीजन मुहैया कराया। जिसके वजह से 19 मरीजों की जिंदगी बच गई।

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