जिले की सड़कों पर निकल पड़ा अलग-अलग आकार में प्रत्याशियों का प्रचार, 38 मैदान में
भाजपा का भोपू बोला कमल सब समस्याओं का हल
बांदा। निर्वाचन प्रक्रिया के तहत नामांकन कराने और हुई वापिसी के बाद अब धीरे-धीरे चुनाव प्रचार की तस्वीर सड़कों पर दिखना शुरू हो गई है। जिले की चारो विधानसभाओं में 55 प्रत्याशियों ने नामांकन कराया था नाम वापिसी के बाद चुनावी रण में अब चुनावी योद्धाओं की संख्या 38 होकर रह गई है। अब जिले के कुल 13 लाख से उपर मतदाताओं के बीच 38 प्रत्याशी चारो विधानसभा चुनाव में हैं जिनमें कांग्रेस, भाजपा, बसपा व सपा के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी शामिल हैं।
अब अपनी-अपनी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में जहां प्रत्याशी और उनके समर्थक सड़कों पर उतर कर डोर टू डोर मतदाताओं से संपर्क साधने में जुटे हैं वहीं पार्टी के समर्थक अपने प्रत्याशियों को जिताने के वास्ते तरह-तरह के रूप रखकर सड़कों पर उतर रहे हैं। सदर क्षेत्र में सबसे ज्यादा प्रचार भाजपा और उनके समर्थकों द्वारा किए जाने की तस्वीर प्रकाश में आयी है। भाजपा का निकला हुआ भोंपू भी चुनाव प्रचार को लेकर सड़कों पर घूम रहा है।
कमल सभी समस्याओं का हल और पड़ों न किसी चक्कर में नहीं है कोई टक्कर में जैसे नारों की गूंज के साथ जब प्रचार करते वाहन निकलता है तो उसके नारे और संगीत की धुन सुनकर डगरोही सुनते हैं। एक विशेष रूप के साथ भगवा रंग से लैस महिला और अन्य भाजपा प्रचारकों ने आज शहर की सड़कों पर जब अपनी प्रचार टीम निकाली तो उनके वेषभूसा देखकर भी लोगों की नजरें इनायत हो गई। तरह-तरह की अपनी-अपनी अलग-अलग प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं। इसी तरह बसपा के द्वारा भी प्रचार के लिए शहर मुख्यालय में समर्थकों द्वारा जगह-जगह जनसंपर्क साधकर अपने प्रत्याशी को जिताने की आरजू-मिन्नत की गई।
बसपा का एक प्रचारक नीले रंग के तहत गले में लाउडस्पीकर बांधकर बसपा का प्रचार करते हुए शहर की सड़कों में घूमता रहा है। सपा का भी प्रचार शनैः-शनैः सड़कों पर दिखाई पड़ने लगा है। सदर क्षेत्र में फिलहाल जो चुनाव प्रचार की गति चल रही है उसमें मतदाताओं की मति अभी भी सोच विचार में डूबी है। प्रचार के चलते नरैनी, बबेरू व तिंदवारी विधानसभा में भी प्रत्याशी और उनके समर्थकों ने नाम वापिसी के बाद अपनी प्रचार गति को थोड़ा सा बढ़ाया है।
नरैनी में भाजपा, सपा व बसपा के प्रत्याशी और उनके समर्थक क्षेत्र में ऐन-केन प्रकारेण अपने-अपने पाले में मतदान करने के लिए मतदाताओं को रिझाने, फुसलाने सहित उनका मन जीतने में लगे हैं लेकिन कई बार चुनावी राजनीति बोलचाल और चरित्र का शिकार हुआ मतदाता अबकी बार फिलहाल अभी तो न अपनी पीठ पर हाथ रखने दे रहा है न ही अपने अंतःमन में छिपी आहत और पीड़ा को उजागर कर पा रहा है। जरूर मतदाताओं के बीच चल रही राजनीति के प्रति गुस्सा है।
उनका कहना है कि कभी पवित्र राजनीति समाज के लिए एक ऐसे मार्ग का निर्माण करती थी जिसमें आहत जनता को भी राहत मिलती थी लेकिन बदलती राजनीति में अपना ऐसा विकृत और विद्रूप चेहरा बना लिया जिससे राजनीति और राजनीतिज्ञों के प्रति विश्वास भरोसा जैसा उठता जा रहा है। अंदरखाने राजनीति की राह पर चलने वाले राजनीतिक और प्रत्याशी तथा उनके समर्थक मतदाताओं के अंतःमन की बात और जज्बात को समझ भी रहे हैं और उनकों अपनी ओर मोड़ने के लिए तरह-तरह के मोहिनी मंत्रों का प्रयोग कर लुभाने में जुटे हैं। लेकिन अभी मतदाता का रुख यह नहीं साबित कर पा रहा कि किसका पलड़ा भारी और किसका पलड़ा हल्का है।
बांदा सदर सीट
प्रत्याशी -पार्टी
- प्रकाश द्विवेदी -भाजपा
- धीरज प्रकाश - बसपा
- मंजूलता रानी -सपा
- लक्ष्मीनारायण -कांग्रेस
- देवनाथ यादव -भाकपा
- गुलाबचंद्र -भाशचेपा
- रामप्रसाद सिंह -आजपा (इंडिया)
- हनुमान प्रसाद -जन अधिकार पार्टी
बबेरू विधानसभा सीट
प्रत्याशी -पार्टी
- अजय कुमार -भाजपा
- गजेंद्र सिंह पटेल -कांग्रेस
- रामसेवक शुक्ला -बसपा
- विशंभर सिंह यादव -सपा
- रामचंद्र सरस -भाकपा
- अशोक कुमार -जन अधिकार पार्टी
- जगरूप भास्कर -अंबेडकर समाज पार्टी
- जियालाल धुरिया -भाशचेपा
- राजबहादुर -राष्ट्रीय विकलांग पार्टी
- समता देवी -बहुजन मुक्ति पार्टी
- सिम्मी बर्मन -आजाद समाज पार्टी
नरैनी (सुरक्षित) विधानसभा सीट -
प्रत्याशी -पार्टी
- ओममणि वर्मा -भाजपा
- किरन वर्मा -सपा
- गयाचरन दिनकर -बसपा
- पवन देवी -कांग्रेस
- दयाराम -भाकपा
- राधेश्याम -आम आदमी पार्टी
- रीतेश कुमार -आजाद समाज पार्टी
- लवलेश कुमार -अंबेडकर समाज पार्टी
- शंकर लाल -जन अधिकार पार्टी
तिंदवारी विधानसभा सीट -
प्रत्याशी -पार्टी
- रामकेश निषाद -भाजपा
- जयराम सिंह -बसपा
- आदिशक्ति दीक्षित -कांग्रेस
- बृजेश प्रजापति -सपा
- रामचंद्र -भाकपा
- मूलचंद्र -भाशचेपा
- अरविंद कुमार -निर्दलीय
- उत्तम -निर्दलीय
- मधुराज -निर्दलीय