कानपुर: आजादी की लड़ाई का गवाह रहा पुल भरभरा कर गिरा, अंग्रेजों ने किया था निर्माण
कानपुर, उत्तरप्रदेश। शुक्लागंज- गंगा नदी के ऊपर बना अंग्रेजों के जमाने का पुल ढह गया है। यह पल आजादी की लड़ाई का गवाह रहा है। जर्जर होने के कारण कोरोना काल से यह पुल बन्द कर दिया गया था। जानकारी के अनुसार आज सुबह यह पुल गिर गया है। अंग्रेजों द्वारा बनाया गया यह पुल कानपुर और उन्नाव को जोड़ता था।
जानकारी के अनुसार 1875 में बना यह पल ऐतिहासिक महत्त्व जा था। नगर निगम द्वारा लम्बे समय तक इस पुल की देखरेख की गई लेकिन जर्जर होने के बाद चार साल पहले ही इसे आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था।
अंग्रेजों के समय कानपुर को उन्नाव से जोड़ने वाला यह एकमात्र पुल था। इसका निर्माण यातायात को सुगम बनाने के लिए किया गया था। इस पल के ऊपर भारी वाहन दौड़ते थे जबकि नीचे का पुल साईकिल और पैदल चलने वालों के लिए था। इस पुल का उपयोग करके अंग्रेज पहले उन्नाव में एंटर होते थे उसके बाद लखनऊ पहुँच पाते थे।
इस पुल को दोबारा शुरू करने के लिए कई लोगों ने आवाज उठाई थी लेकिन पुल की हालत देख रिपोर्ट में कहा गया था कि, यह कभी भी गिर सकता है। 26 नवंबर को इस पल का 80 फीट हिस्सा गंगा नदी में समा गया। इस पुल के गिरने से एक ऐतिहासिक महत्त्व की धरोहर का नुकसान भी हुआ है।
7 साल से अधिक समय में हुआ था पुल का निर्माण :
भारत में ईस्ट इंडिया के शासनकाल में बने इस पुल के निर्माण में सात साल लगे थे। उस समय से लेकर आजादी के कई साल बाद तक इस पल का उपयोग लाखों लोग करते थे क्योंकि कानपूर को उन्नाव से जोड़ने वाला यह एकमात्र पुल था। जर्जर होने के बाद इस पुल के दोनों ओर दीवार खड़ी कर दी गई थी ताकि कोई भी इसका उपयोग न कर पाए।
प्रशासन द्वारा फिलहाल इस पुल के मलबे को हटाए जाने का काम किया जा रहा है। नदी मार्ग का उपयोग कई मछुआरे करते हैं और अधिक मलबा गिरने से उन्हें भी हानि हो सकती है ऐसे में प्रशासन द्वारा मलबे को हटाकर इस नदी मार्ग को सुरक्षित बनाने का काम कर रहा है।