प्रयागराज। माफिया अतीक अहमद की प्रयागराज के अलावा भी देश के कई बड़े शहरों में बेनामी संपत्तियों के बारे में पता चला है। अतीक के छोटे भाई पूर्व विधायक अशरफ को जब पुलिस ने पकड़ा था तो उसने कई संपत्तियों के बारे में खुलासा किया। पुलिस अहमदाबाद से लेकर दिल्ली तक अतीक के बेनामी संपत्तियों का पता लगा रही है ताकि उसे भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जा सके।
दो साल पहले जब अतीक अहमद को नैनी जेल से अहमदाबाद जेल भेजा गया तो उसके करीबियों को वहां पर ठिकाने की जरूरत पड़ी थी। बताया जा रहा है कि फ्लाइट से अतीक के करीबी वहीं जाकर रुकते थे और उससे मिलते थे। चर्चा यह भी थी कि अतीक ने अपने गुर्गों के रुकने के लिए अहमदाबाद में ही फ्लैट खरीद लिया। अब पुलिस उस फ्लैट के बारे में पता लगा रही है कि उसे किसके नाम पर खरीदा गया है और उसका पैसा किसने दिया।
इसी तरह एक अपार्टमेंट गोवा में होने की बात है। इसके अलावा मुंबई और दिल्ली में भी बेनामी संपत्ति होने की चर्चा है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जब अतीके भाई अशरफ की गिरफ्तारी हुई थी तो उसने कबूल किया था कि दिल्ली के आसपास उन लोगों ने संपत्ति बनाई है। पुलिस संपत्ति की डिटेल लेकर उसका सत्यापन करने में लगी हैं। प्रयागराज में अभी तक पुलिस ने अतीक अहमद की 60 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर चुकी है और छह अन्य संपत्तियों को कुर्क करने के लिए डीएम ने इजाजत दे दी है। इसके अलावा भी सात अन्य संपत्तियों को कुर्क करने के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है।
पीडीए, जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई में अतीक के सिविल लाइंस के नवाब यूसुफ रोड स्थित एक भवन पर जेसीबी चलाकर अवैध निर्माण को जमींदोज कर दिया। यह भवन नजूल की भूमि पर बनाया गया था और इस पर अतीक अहमद का कब्जा था।
संयुक्त टीम दिन में 11 बजे नवाब यूसुफ रोड पर पहुंची। नापजोख के के बाद भवन पर जेसीबी चला दिया गया। दोपहर करीब तीन बजे तक कार्रवाई चलती रही। बताया जाता है कि अतीक अहमद ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर 500 वर्ग गज नजूल की भूमि पर कब्जा कर अपने एक करीबी को किराए पर दे दिया था। अतीक का करीबी व्यक्ति रेस्टोरेंट संचालक था जो इसका इस्तेमाल कारखाने के रूप में करता था। पिछले दिनों उसके अवैध रूप से संचालित रेस्टोरेंट को भी प्रशासन ने बंद करा दिया था। पीडीए ने बीते शनिवार को भी हाइकोर्ट स्थित पानी की टंकी के पास अतीक के साढू इमरान के दो भवनों को ध्वस्त कर दिया था। विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी शत शुक्ला का कहना है कि 500 वर्ग गज नजूल की भूमि पर कब्जा पर अतीक अहमद का कब्जा था जिसे मुक्त कराया गया है। भवन गिराकर प्रशासन ने जमीन को अपने कब्जे में ले लिया है।