बहराइच: त्रिमुहानी श्मशान घाट पर स्वयंसेवक संघ ने उपलब्ध कराई 150 क्विंटल लकड़ी

शवों के अंतिम संस्कार में दिक्कत हो रही थी। इसका पता चलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिम्मेदारों ने स्वर्ग धाम पहुंचकर पड़ताल की तो सच में लकड़ी न होने का पता चला।

Update: 2021-05-02 05:10 GMT

बहराइच: शहर में सरयू तट के किनारे स्थित त्रिमुहानी श्मशान घाट स्वर्ग धाम में लकड़ियां खत्म हो गई थी। शवों के अंतिम संस्कार में दिक्कत हो रही थी। इसका पता चलने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिम्मेदारों ने स्वर्ग धाम पहुंचकर पड़ताल की तो सच में लकड़ी न होने का पता चला।

इस पर आनन-फानन में स्वयंसेवक संघ की ओर से स्वर्ग धाम में अंतिम संस्कार के लिए 150 कुंटल लकड़ी की व्यवस्था कराई गई है। संघ के प्रांत सह सामाजिक समरसता प्रमुख राज किशोर ने कहा कि जहां कम वहां हम की भावना से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश के बेहतरी के लिए कार्य करता है।



सरयू तट स्थित त्रिमुहानी शमशान स्वर्ग धाम मैं क्षमता के सापेक्ष 3 से 4 गुना लाशों का संस्कार प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के चलते किया जा रहा है। इसके चलते बीते 4 दिनों से शमशान स्वर्ग धाम में लकड़ी की किल्लत उत्पन्न हो गई। लोग झाड़ झंखाड़ और एक्यूलिपटस की लकड़ियों से दाह संस्कार कर रहे थे। इसका खुलासा स्वदेश समाचार पत्र ने शनिवार को किया। तब इसकी जानकारी लोगों को हुई।

आनन-फानन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह सामाजिक समरसता प्रमुख राज किशोर ने जिला प्रचारक राहुल एवं नगर प्रचारक प्रवीण के साथ त्रिमुहानी घाट पहुंच कर पूछताछ की तो पता चला खबर सच है, वहां वास्तव में लकड़ी नहीं थी, इस स्थिति को देखते हुए सामाजिक समरसता प्रमुख ने शक स्वर्गधाम समिति के व्यवस्थापक एवं नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी, समाजसेवी शीतल प्रसाद अग्रवाल से बात करके 150कुंटल लकड़ी की व्यवस्था कराकर त्रिमुहानी घाट शवदाह के लिए भेजवाया।


प्रांत सह सामाजिक समरसता प्रमुख राज किशोर ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सामाजिक समरसता एवं सेवा विभाग जहां कम वहां हम की भावना लेकर देश के बेहतरी के लिए कार्य करता है। जब जब देश पर विपत्तियां आयी है तब तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक विपरीत परिस्थितियों में भी देश सेवा को करने करने के लिए अपने आपको सबसे आगे करके देश सेवा में योगदान दिया है।

उन्होंने बताया कि जहां भी मानव संपदा की कमी पड़ती है वहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अपने को आगे करके खड़े हो जाते हैं इसलिए एक वाक्य बन गया कि जहां कम वहां हम। इस अवसर पर जिला प्रचारक राहुल, नगर प्रचारक प्रवीण, युवा स्वयं सेवक धन्नजय तिवारी आदि संगठन के दायित्वधारी कार्यकर्ता एवं स्वयंसेवक उपस्थित रहे।

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