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मूल्यांकन के लिए चाहिए 22 हजार शिक्षक

मूल्यांकन के लिए चाहिए 22 हजार शिक्षक
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एक मार्च से प्रारंभ होंगी बोर्ड परीक्षाएं, तैयारियां शुरू

ग्वालियर। म.प्र. माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। ग्वालियर जिले में इन परीक्षाओं के लिए इस बार पिछले साल की अपेक्षा आठ परीक्षा केन्द्र ज्यादा बनाए गए हैं। पिछले साल कुल 82 परीक्षा केन्द्र थे, जबकि इस बार 90 परीक्षा केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित होगी। सुविधा की दृष्टि से इस बार कुछ परीक्षा केन्द्र बदले भी गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा जिलाधीश से अनुमोदन कराकर परीक्षा केन्द्रों की सूची अंतिम स्वीकृति के लिए माशिमं को प्रेषित कर दी गई है।

माशिमं ने बोर्ड परीक्षा की समय सारिणी घोषित कर दी है, जिसके अनुसार 12वीं की परीक्षा एक मार्च से तो 12वीं की परीक्षा दो मार्च से होगी। परीक्षा का समय सुबह 8.30 से पूर्वान्ह 11.30 बजे तक रहेगा। ग्वालियर में इन दोनों कक्षाओं की परीक्षा में लगभग 32 हजार तो मध्यप्रदेश के सभी 51 जिलों में करीब 20 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होंगे। इनकी उत्तर पुस्किाओं के मूल्यांकन के लिए करीब 22 हजार शिक्षकों (परीक्षकों) की जरूरत पड़ेगी। माशिमं ने सभी जिलों में जिलाधीश की अध्यक्षता में गठित समिति को अपने-अपने जिले में 16 जनवरी तक बैठक आयोजित कर परीक्षावार व विषयवार परीक्षकों का चयन करने की कार्यवाही पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

इनका हो सकता है परीक्षक के लिए चयन
*परीक्षक के लिए कम से कम तीन वर्ष के अध्यापन कार्य के अनुभवी शिक्षकों का ही चयन हो सकता है।
* तीन वर्ष से निरंतर अध्यापन कार्य करते आ रहे संविदा शिक्षक व अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों की सेवाएं भी परीक्षक के रूप में ली जा सकती हैं।
* ऐसे साहयक शिक्षक जो स्नातक व स्नातकोत्तर हों और निरंतर तीन वर्षों से कक्षा 10वीं व 12वीं में अध्यापक कार्य कर रहे हैं, उन्हें भी परीक्षक के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
*४अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के उन शिक्षकों का भी परीक्षक के रूप में चयन किया जा सकता है, जिन्होंने संस्था में लगातार कम से कम तीन वर्ष तक संतोषजनक कार्य किया हो।
*10वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए स्नातक एवं 12वीं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए संबंधित विषय में परीक्षक का स्नातकोत्तर होना अनिवार्य है।
*यदि किसी शिक्षक द्वारा परीक्षक के रूप में कर्तव्य निर्वहन में कोई लापरवाही की गई हो या उक्त कार्य से प्रतिबंधित किया गया हो तो ऐसे शिक्षक का चयन परीक्षक के लिए नहीं किया जा सकता है।

सेवानिवृत्त शिक्षक की सेवाएं भी लेगा माशिमं
लम्बे समय से नई भर्ती नहीं होने से मध्यप्रदेश में शिक्षकों की भारी कमी है, इसलिए बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में माशिमं ने पूर्व वर्षों की भांति इस साल भी सेवानिवृत्त शिक्षकों की सेवाएं भी लेने का निर्णय लिया है। माशिमं ने परीक्षकों के लिए गठित जिला समितियों को निर्देश दिए हैं कि मूल्यांकन कार्य में पिछले पांच वर्ष में सेवानिवृत्त हुए योग्य व इच्छुक शिक्षकों की योग्यता व अनुभवों का लाभ भी लिया जा सकता है। ऐसा करने से योग्य, अनुभवी, विश्वसनीय शिक्षकों की कमी का निदान भी हो सकेगा। इसके लिए सेवानिवृत्त शिक्षकों व प्राचार्यों के नाम व पते ज्ञातकर उनकी लिखित सहमति प्राप्त कर समिति के अनुमोदन से उनका चयन परीक्षक के रूप में किया जाए।

बीस तक करना है परीक्षकों का चयन
माशिमं द्वारा जारी आदेश के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी मूल्यांकन के लिए परीक्षकों का चयन निर्धारित मापदंडों के अनुसार करके विषयवार सूची तैयार कर जिले की समन्वय संस्था को प्रषित करेंगे। तत्पश्चात 20 जनवरी तक समन्वय संस्था के प्राचार्य एमपी ऑनलाइन के पोर्टल पर प्रत्येक परीक्षक के आवेदन की प्रविष्टि करेंगे। इसके बाद पूर्ण जांच-पड़ताल कर परीक्षकों का अंतिम चयन माशिमं करेगा।

इनका कहना है
बोर्ड परीक्षा के लिए हमने 90 केन्द्रों की सूची तैयार कर माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल को भेज दी है, जहां से अभी अनुमोदन होना शेष है। जिले में परीक्षकों के चयन की प्रक्रिया भी जल्दी ही शुरू की जाएगी।

विकास जोशी
जिला शिक्षा अधिकारी, ग्वालियर

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Updated : 2 Jan 2017 12:00 AM GMT
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