'एकता के महाकुम्भ' से निकला वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश: दुनिया के कई देश, हर राज्य और हर जाति के लोगों ने एक साथ लगाई संगम में डुबकी…

Update: 2025-01-14 10:35 GMT

अतुल मोहन सिंह, महाकुम्भनगर। देव-दानवों के समुद्र मंथन के पश्चात् जिस तरह अमृत कलश निकला, उसी तरह गंगा-यमुना-सरस्वती की त्रिवेणी पर चल रहे 'एकता के महाकुम्भ' से मंगलवार को वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश प्रस्फुटित हुआ। प्रयागराज महाकुम्भ-2025 ने सकल विश्व को भारतीय संस्कृति, सभ्यता, धर्म, दर्शन, अध्यात्म, त्याग, तपस्या और लोक कल्याण के लिए सर्वस्व न्योछावर करने की भावना से परिचित करवाया।

मकर संक्रांति पर महाकुम्भ में भारत के हर राज्य और हर जाति के श्रद्धालुओं ने एक साथ पवित्र संगम में अमृत स्नान किया। इसके साथ ही, दुनिया भर के कई देशों के श्रद्धालु भी पहुंचे और जय श्री राम, हर हर गंगे, बम-बम भोले के उद्घोष के साथ भारतीय जनमानस के साथ घुल मिल गए।

पहले अमृत स्नान पर महाकुम्भनगर में एकता का महाकुम्भ नजर आया। यहां भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत विदेशी नागरिकों ने परिवार के साथ पहुंचकर गंगा स्नान किया। जय श्री राम, हर हर गंगे का नारा लगाकर लोग उत्साह से लबरेज नजर आए।

आस्था का ऐसा संगम कि आज रेत तक नजर नहीं आई :

महाकुम्भ के इस ऐतिहासिक मौके पर संगम का तट भारतीय और विदेशी श्रद्धालुओं से पूरी तरह से भर गया। आस्था का ऐसा संगम हुआ कि संगम की रेत तक आज पहले अमृत स्नान पर नजर नहीं आ रही थी। हर जगह सिर्फ मुंड ही मुंड नजर आ रहे थे। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, असम, बिहार, केरल, आंध्र प्रदेश समेत हर राज्य, हर जाति के लोग और अन्य देशों से आए विदेशी नागरिकों ने गंगा के पवित्र जल में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।

अमेरिकी, इजरायली, फ्रांसीसी समेत कई अन्य देशों के नागरिक गंगा स्नान करते हुए भारत की सनातन संस्कृति से अभिभूत हुए। वे भी बम बम भोले के नारे लगाते हुए उत्साह से झूमते नजर आए।

महाकुम्भ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ी भारत की ब्रांडिग :


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में दिव्य और भव्य महाकुम्भ का अलौकिक आयोजन किया गया है। भारत की सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक शक्ति महाकुम्भ के इस बार के अद्भुत आयोजन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और भी ज्यादा बढ़ा दी है।

महाकुम्भ मेले के शुरुआती दो दिनों में दुनिया भर के कई देशों के नागरिकों ने भाग लिया और भारत की संस्कृति को अनुभव किया। विदेशी श्रद्धालु भारत की सनातन संस्कृति से गहरे प्रभावित हुए और परिवार के साथ गंगा में स्नान किया।

संगम के तट पर जय श्री राम और हर हर गंगे के उद्घोष से माहौल बना और श्रद्धालु श्रद्धा से गंगा में डुबकी लगाते रहे।

विदेशियों को ऊर्जा और सुकून दे रहा महाकुम्भ : महाकुम्भ में मकर संक्रांति अमृत स्नान का हिस्सा बने विदेशी नागरिक जैफ ने कहा कि मैं अमेरिका से हूं लेकिन मैं लिस्बन, पुर्तगाल में रहता हूं। मैं दक्षिण भारत की यात्रा कर रहा था।

कल वाराणसी के रास्ते यहां पहुंचा। मुझे यहां की ऊर्जा बहुत शांत और सुकून देने वाली लगती है और हर कोई बहुत दोस्ताना सा लगता है। यहां आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यह एक बड़े मंदिर जैसा लगता है। मैं यहां की सुव्यवस्था और स्वच्छता देखकर चकित हूं। हर 15 मीटर पर कूड़ेदान उपलब्ध हैं।

इसी तरह, ईरान से आई एक महिला ने कहा कि हम 9 लोगों का एक समूह हैं। हम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से यहां आए हैं। मेरे पति और मैं दुबई और लिस्बन के बीच रहते हैं। हमारा यहां पहली बार आना हुआ है। कुम्भ बहुत ही व्यवस्थित है। यह प्रभावशाली है। हम एक बहुत अच्छी टेंट कॉलोनी में रह रहे हैं।

एक अन्य अमेरिकन सिटीजन पॉला ने टूटी-फूटी हिंदी में कहा कि आज बहुत उत्तम दिन है। इस उत्तम दिन पर साधुओं के साथ स्नान करने का अवसर प्राप्त हो रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि महाकुम्भ में आने का अवसर मिला और संन्यासियों का सानिध्य प्राप्त हुआ।

Tags:    

Similar News