Assam Trade Scam: असम व्यापार घोटाले का मुख्य आरोपी दीपांकर बर्मन गोवा में गिरफ्तार, तीन महीने से था फरार

Update: 2024-10-28 02:37 GMT

असम व्यापार घोटाले का मुख्य आरोपी दीपांकर बर्मन गोवा में गिरफ्तार

Assam Trade Scam Accused Dipankar Burman Arrested : असम व्यापार घोटाले का मुख्य आरोपी दीपांकर बर्मन को गुवाहाटी पुलिस ने रविवार को गोवा से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी दीपांकर बीते तीन महीनों से फरार था। आरोपी दीपांकर ने छोटे इनवेस्टमेंट पर हाई रिटर्न का लालच देकर हजारों लोगों के साथ 7,000 करोड़ रुपये की ठगी की। असम सरकार ने इस पूरे मामले को सीबीआई को सौंप दिया है।

पुलिस ने बताया कि, छापेमारी के दौरान बर्मन के गोवा स्थित आवास से 27 लाख रुपये नकद बरामद किए। राज्य में करोड़ों रुपये का ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाला अगस्त के आखिरी हफ्ते में सामने आया जब 29 वर्षीय बर्मन की कंपनी में भारी मात्रा में पैसा लगाने वाले निवेशकों ने इसके खिलाफ थाने में शिकायत की। शिकायत में कहा गया कि, आरोपी बर्मन ने उन्हें उचित रिटर्न नहीं दिया है और ऑफिस बंद कर भाग गया है। इसके बाद पुलिस छानबीन शुरू की तो उसमें और लोग भी सामने आए।

असम के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) जीपी सिंह ने ट्वीट किया, आखिरकार, दीपांकर बर्मन को गोवा में गिरफ्तार कर लिया गया। यह सिलसिला खत्म हुआ। @ गुवाहाटी पोल की टीम को बधाई। गोवा में दीपांकर बर्मन के घर से कुल 27,06,750 रुपये की नकदी जब्त की गई।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि बर्मन को सोमवार को गोवा की एक अदालत में पेश किया जाएगा और ट्रांजिट रिमांड पर गुवाहाटी लाया जाएगा। गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दिगंत बराह ने कहा कि एसीपी अमित महतो के नेतृत्व में एक टीम ने गिरफ्तारी की।

अब तक इनकी हुई गिरफ्तारी

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घोटाले को चलाने वाले लोगों सहित 65 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया, जबकि बर्मन पिछले तीन महीनों से फरार था। इस मामले के सिलसिले में उसके माता-पिता को भी गिरफ्तार किया गया था। इस घोटाले में गिरफ्तार किए गए लोगों में असमिया अभिनेत्री सुमी बोरा और उनके फोटोग्राफर पति तारिक बोरा भी शामिल हैं। बर्मन की सहयोगी मोनालिसा दास, जो एक अभिनेत्री भी हैं, को पहले गिरफ्तार किया गया था।

सीबीआई को सौंपी जांच

इस घोटाले के संबंध में दर्ज 41 मामलों की जांच राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंपी है। जानकारी के मुताबिक, 20-30 साल की उम्र के युवा पुरुष और महिलाओं द्वारा प्रचारित इन कंपनियों ने राज्य भर के लोगों से भारी धनराशि जुटाई थी, जिसमें यह दावा किया गया था कि उन्हें स्टॉक मार्केट में निवेश करके भारी रिटर्न मिलेगा लेकिन जब ये कंपनियां निवेशकों को पैसे लौटाने में असफल रहीं, तो यह घोटाला उजागर हुआ।

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