विधानसभा अध्यक्ष से भिड़े मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, कहा- आप संविधान का उल्लंघन कर रहे
पटना। बिहार के लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा से दुर्व्यवहार के मामले में सोमवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा अध्यक्ष पर ही भड़क गए। उन्होंने गुस्से में कहा कि आप कौन होते है? संविधान पढ़िए। मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि आप संविधान का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। इस तरह से सदन नहीं चलेगा। एक ही मामले को रोज-रोज उठाने का कोई मतलब नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 दिनों के अंदर पूरी कार्रवाई करने का हमने लखीसराय प्रशासन को निर्देश दिया है।प्रशासन के माध्यम से हम लगे हुए हैं, जो भी अपराध करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। आज भी मैं इस मामले के बारे में पूछूंगा। कृपया करके रोज-रोज इस सब मामले को लेकर सदन में उठाना अच्छी बात नहीं है।
सदन में हुआ हंगामा -
नीतीश कुमार ने कहा कि विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उसपर विचार करेंगे। हम देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है कौन गलत। इसपर विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आप ही बताइए कैसे सदन चलेगा? हमें अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाकर एक दरोगा-सिपाही से बेइज्जत कराइएगा। विस अध्यक्ष ने कहा कि यह मेरे क्षेत्र का मामला है और दोषियों पर कार्रवाई न करके निर्दोष को फंसाया गया है। मामले को लेकर सदन में काफी देर तक हंगामा हुआ।
आसन को हतोत्साहित करने की कोशिश -
विधानसभा अध्यक्ष सिन्हा ने कहा कि पुलिस के द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री हमसे ज्यादा जानते हैं। मैं आपसे सीखता हूं। विस अध्यक्ष ने कहा कि जिस मामले की बात हो रही है उसके लिए तीन बार सदन में हंगामा हो चुका है। मैं विधायकों का कस्टोडियन हूं। मैं जब भी क्षेत्र में जाता हूं तो लोग सवाल पूछते हैं कि थाना प्रभारी और डीएसपी की बात नहीं कह पा रहे हैं। आसन को हतोत्साहित करने की बात ना हो। सरकार गंभीरता से इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। आप लोगों ने ही मुझे विधानसभा अध्यक्ष बनाया है।
उल्लेखनीय है कि लखीसराय में सरस्वती पूजा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार व्यक्ति विधानसभा अध्यक्ष का करीबी बताया जा रहा है। इसे लेकर स्पीकर ने पुलिस के प्रति नाराजगी जताई थी, किंतु अभी तक कार्रवाई नहीं की गई। मामला अभी विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के पास है।