बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने दिया इस्तीफा, लगे थे भ्रष्टाचार के आरोप

Update: 2020-11-19 11:33 GMT

पटना। बिहार की नई सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते ही विवादों में घिरे शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। मेवालाल पर नियुक्ति के मामले में घोटाले का आरोप है। राजद नेता तेजस्वी यादव समेत अन्य विपक्षी दल लगातार उन पर हमले कर रहे थे। पत्नी की मौत के मामले में हत्या का भी नया आरोप लगाया जा रहा था। गुरुवार की सुबह ही मेवालाल ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार बताया था। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

बता दें कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव लगातार मेवालाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को उठा रहे हैं। आज भी उन्होंने इस मसले पर ट्वीट कर हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा हत्या और भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में IPC की 409, 420, 467, 468, 471 और 120B धारा के तहत आरोपी मेवालाल चौधरी को शिक्षा मंत्री बनाने से बिहारवासियों को क्या शिक्षा मिलती है?

इससे पहले गुरुवार की सुबह मेवालाल ने पदभार ग्रहण किया। पद संभालने के बाद मेवालाल ने कहा कि शिक्षा में बदलाव के लिए सरकार ने जो-जो कदम उठाया है उसे आगे बढ़ाएंगे। शिक्षा में बदलाव को लेकर रोडमैप बनाकर काम होगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार हमारी प्राथमिकता होगी। सिलेबस में जरुरत के हिसाब से संशोधन या बदलाव किया जाएगा।

मेवालाल पर हैं ये आरोप

तारापुर से निर्वाचित जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। इसके बाद जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद डॉ चौधरी नियुक्ति घोटाले में आरोपित किए गए। कृषि विश्वविद्यालय में नियुक्ति घोटाले का मामला सबौर थाने में वर्ष 2017 में दर्ज किया गया था। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ले ली थी।

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