पटना। जातीय जनगणना के मुद्दे पर सोमवार को प्रधानमंत्री से मिलने के बाद मंगलवार को दोपहर तीन बजे पटना पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि देश हित में जातीय जनगणना जरूरी है। इसलिए जातिगत जनगणना एक बार होनी चाहिए। इसका फैसला केंद्र सरकार को करना है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर पीएम मोदी से मिलने का आग्रह किया था। इसके बाद सोमवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री ने मिलने का समय दिया था।भाजपा-जदयू समेत राजद के 11 सदस्यीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पौन घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान सभी ने बातें रखी। प्रधानमंत्री ने सभी की बातों को ध्यानपूर्वक सुना। इस दौरान सीएम नीतीश ने भी बातें रखी थी। उन्होंने भी कहा था कि जातीय आधारित जनगणना होनी चाहिए। यह लोगों के हित में है।
जातीय जनगणना सभी के लिए उचित -
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह फैसला केंद्र सरकार को ही करना है। हमने तो उनके समक्ष पूरी बातें रख दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना सभी के लिए उचित है और देश के हित में है। इसकी मांग हम शुरू से करते रहे हैं। अंग्रेजों के जमाने में सन् 1931 में ही जातीय जनगणना हुई थी। उसी के आधार पर सब कुछ मान कर आज भी हम चल रहे हैं जो सही नहीं है। इसलिए एक बार फिर से जातीय जनगणना कर ली जानी चाहिए। सभी पार्टियां भी चाहती है कि एक बार जातिगत जनगणना करा ही लिया जाए। उम्मीद है कि इस पर प्रधानमंत्री जरूर गौर करेंगे।
प्रधानमंत्री से मुलाकात -
उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिल्ली में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सभी पार्टियों के नेताओं ने प्रधानमंत्री से मुलाकात कर जातिगत जनगणना की मांग की थी। प्रधानमंत्री से मिलने गये प्रतिनिधिमंडल में 10 पार्टियों के 11 नेता शामिल थे। सब को बारी-बारी से बोलने का मौका दिया गया। शुरूआत नीतीश कुमार ने की।सीएम नीतीश ने सबसे पहले यह बताया कि प्रधानमंत्री से मिलने क्यों आये हैं? नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने यह प्रस्ताव दिया था कि प्रधानमंत्री से मिलकर जातिगत जनगणना कराने की मांग करनी चाहिये। उनके प्रस्ताव पर सभी सहमत थे। लिहाजा उन्होंने पहल की और प्रधानमंत्री से मिलने का टाइम मांगा। प्रधानमंत्री ने मिलने का समय भी दिया।