नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी को बताया भेदी, कहा - भाजपा को बता देते थे पार्टी बैठक की बातें
नीतीश मंत्रिमंडल में रत्नेश सादा को मिली जगह
पटना/वेबडेस्क। नीतीश मंत्रिमंडल का शुक्रवार को विस्तार हुआ। जदयू विधायक रत्नेश सादा को मंत्रिमंडल में जगह मिल गई और उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली। राजभवन के दरबार हॉल में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने रत्नेश सदा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
रत्नेश सदा सहरसा जिले के सोनबरसा से जदयू के विधायक हैं। वे 2010 से यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं। मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने दो दिन पहले ही नीतीश सरकार में शामिल बेटे डॉ संतोष सुमन का मंत्री पद से इस्तीफा दिलाया था। रत्नेश सादा के मंत्रिमंडल में जगह मिलने के बाद सीएम नीतीश ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मांझी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। मैंने उनको विलय के लिए बोला था। वह साथ होते थे तो भाजपा तक बात पहुंचाते थे। नीतीश ने कहा कि मांझी दिल्ली जाकर बात कर वापस आए थे तो हमसे कहे थे कि हम आपके साथ रहेंगे। यहां थे तो वो चाहते थे कि हम बड़े जगह पर रहे। एक बात सबको मालूम था कि वह जहां कहीं भी थे लेकिन भाजपा के लोगों से मिल रहे थे।
भाजपा के भेदी मांझी -
नीतीश कुमार ने कहा कि वहां से मिल कर मांझी सबकुछ तय कर लेते थे। फिर हमारे यहां भी आकर कहते थे कि हमको कुछ अलग चाहिए। हम तो जान ही रहे थे सब बात। मांझी जब मेरे पास मिलने आए तो हमने कहा कि आपको हमने इतना ज्यादा बनाया, कोई दूसरा नहीं बनाया। उन्होंने कहा कि हमलोग 23 तारीख को मीटिंग करेंगे। यह उस मीटिंग के अंदर की बात को भाजपा को बता देते। इसीलिए हमने उनसे कहा कि या तो आप मर्ज करिए या अलग हो जाइए। इसके बाद वे अलग हो गए। अब उनकी जगह पर हमने अपने कोटे से रत्नेश सदा को मंत्री बना दिया।
विपक्ष एकजुट हो रहा है -
समय से पहले चुनाव करवाए जाने की बात पर उन्होंने कहा कि यह तो केंद्र सरकार को अधिकार है कि वो चाहे तो समय से पहले चुनाव करा ही सकता है। जब हम लोग अटल के साथ थे तो उन्हीं की पार्टी के लोगों ने तीन चार महीने पहले चुनाव करवा दिया था। हालांकि, अटल ऐसा नहीं चाहते थे। विपक्ष एकजुट हो रहा है तो हो सकता है उन लोगों को लगे कि यह लोग आगे मिलकर बहुत कुछ करेगा तो नुकसान होगा। इसलिए समय से पहले चुनाव करवा सकते हैं। इसकी संभावना हमेशा रहती है। इसलिए हमें सारे पार्टियों को अलर्ट किया है कि मिलकर लड़िएगा तो फायदे में रहेंगे।