बिहार राजद में 'ठाकुर' पर ठनी 'रार ', चेतन आनंद ने कहा - मनोज झा की जीभ खींचकर सदन में उछालता

चेतन आनंद को जेडीयू प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि मनोझ झा को भारत के इतिहास में ठाकुरों का बलिदान नहीं पता है।

Update: 2023-09-27 10:14 GMT

पटना।  बिहार की राजनीति में राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के सांसद मनोज झा के संसद में महिला आरक्षण विधेयक पर दिये गये भाषण के दौरान ‘ठाकुर’ को लेकर रार मच गई है।  हालांकि पार्टी ने संसद में दिए गये भाषण का जानदार, शानदार और दमदार करार दिया है, लेकिन उनकी इस कविता को लेकर बिहार के क्षत्रिय नेता नाराज हो गए है। उन्हीं की पार्टी के बाहुबली नेता आनंद मोहन ने कहा कि अगर मैं उस वक्त राज्यसभा में होता तो उनकी जीभ खींचकर आसन की तरफ उछाल देता, सभापति की ओर।  

दरअसल, आरजेडी सांसद मनोज झा ने महिला आरक्षण बिल पर संसद में भाषण के दौरान ओम प्रकाश वाल्मीकि की ठाकुरों पर लिखी एक कविता संसद में सुनाई थी, जोकि इस प्रकार है।  

चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का/
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का/
बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की/
कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?”

राजद सांसद की इस कविता को लेकर ठाकुर वर्ग के नेताओं में नाराजगी है। राजद नेता आनंद मोहन के विधायक बेटे चेतन आनंद ने उनकी तीखी आलोचना की और उनकी जीभ खींच लेने की बात कहीं। चेतन आनंद ने मनोज झा की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि वे लोग ठाकुर हैं और ठाकुर सभी को साथ लेकर चलता रहा है. सबसे अधिक बलिदान भी ठाकुरों ने ही किया है।  एक विशेष जाति को टारगेट किया जा रहा है।  यह समाजवाद के नाम पर दोगलापन के अतिरिक्त और कुछ भी नहीं है।  

 ब्राह्मणों के विरोध में कविता नहीं पढ़ी।

चेतन आनंद ने आज बुधवार सुबह फेसबुक पर लाइव आकर कहा कि मनोज झा ठाकुरों को विलेन बता रहे हैं। आपको ठाकुरों से एक एलर्जी है। दुनिया में इतनी सारी कविताएं हैं उन्हें इस्तेमाल कर लेते। आप ब्राह्मण हैं इसलिए आपने ब्राह्मणों के विरोध में कविता नहीं पढ़ी। आपके लोग आपको जीने नहीं देते, इसलिए आपने उनके खिलाफ कविता नहीं पढ़ी। उन्होंने आगे कहा कि झे शर्म आती है राज्यसभा में बैठे हमारे जाति के लोग ये सब सुनते रहे। मैं सदन में रहता तो धरना देता, प्रदर्शन करता, चुपचाप नहीं सुनता। इसमें हमारे समाज के लोगों की गलती है जो अपने समाज को इतना कुछ सुन लिया। कुछ लोग पार्टी में रहकर ए-टू-जेड फॉर्मूला बिगाड़ना चाहते हैं। ऐसे लोग जो मुंह में आता है बक देते हैं।

जेडीयू का मिला समर्थन -

चेतन आनंद को जेडीयू प्रवक्ता सुनील कुमार सिंह का समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि मनोझ झा को भारत के इतिहास में ठाकुरों का बलिदान नहीं पता है। बलिदान हमने दिया, सर हमने कटाया, सती हमारे घर की औरतें हुईं, जौहर किया, सब कुछ गंवा कर धर्म और देश की रक्षा की। उनको यह सब कौन समझाए। कविता किस प्रसंग में लिखी गई यह अलग विषय है। किसी ने तो यह भी लिखा है कि नाग को देखें और मैथिली ब्राह्मण को देखें तो पहले मैथिली ब्राह्मण को मारना चाहिए। ये उपयोग हो सकता है क्या? उन्होंने कहा कि मनोज झा को सभी के सामने माफी मांगनी होगी. एक दो जाति को लेकर ही केवल नहीं होती है।  उन्होंने कहा कि उनका सामाजिक बहिष्कार होना चाहिए. यदि अपने अदंर के मारने की बात है कि ब्राह्माण को मारो।  



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