शेल्टर होम मामले में 24 घंटे के भीतर एफआईआर दुरुस्त करे बिहार सरकार : सुप्रीम कोर्ट

बच्चों के यौन शोषण पर जरूरी कार्रवाई न होने पर अदालत ने जताई नाराजगी, सीबीआई करेगी जांच

Update: 2018-11-27 09:06 GMT

नई दिल्ली। बिहार के 14 शेल्टर होम में बच्चों के शोषण, यौन दुर्व्यवहार, अप्राकृतिक यौनाचार जैसे मामलों में जरूरी कार्रवाई न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि मुजफ्फरपुर जैसे कई मामले सामने आने की आशंका है।

कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठा रही है। कोर्ट ने कहा कि 24 घंटे के अंदर एफआईआर दुरुस्त करें। एफआईआर में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट की कोई चर्चा नहीं की गई है। केवल पांच एफआईआर दर्ज हुए हैं जबकि 17 शेल्टर होम में बच्चों के साथ ज्यादती की रिपोर्ट आई है। सभी केस सीबीआई को सौंपेंगे। मामले की सुनवाई कल यानि बुधवार 28 नवम्बर को फिर होगी।

पिछले 12 नवम्बर को बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की अब तक गिरफ्तारी न होने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए बिहार के डीजीपी को तलब किया था। मंजू वर्मा सरेंडर कर चुकी हैं। मंजू के घर से बड़ी संख्या में हथियार मिले थे। मंजू वर्मा राज्य की कल्याण मंत्री थीं। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप मामले के खुलासे के बाद उन्होंने इस्तीफा दिया था। बिहार के 14 शेल्टर होम में भी यौन शोषण और दुर्व्यवहार की शिकायतें सामने आई हैं। पिछले 31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बिहार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सुनवाई के दौरान जब बिहार सरकार ने कहा था कि उसके पूर्व मंत्री मंजू वर्मा छिप गई हैं। जब से उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है तब से उन्हें ट्रेस नहीं किया जा सका है। तब जस्टिस मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि ऑल इज नॉट वेल इन बिहार।

पिछले 30 अक्टूबर को मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को पंजाब की पटियाला जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा करना स्वतंत्र और निष्पक्ष ट्रायल के लिए जरूरी था। कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा था कि अब तक पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की आर्म्स एक्ट के मामले में गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। कोर्ट ने पूछा था कि मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई उसके बाद भी उनकी गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई।

पिछले 25 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को बिहार से बाहर की जेल में शिफ्ट करना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि ब्रजेश ठाकुर काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और वह जांच को बाधित करने की क्षमता रखता है। कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को नोटिस जारी कर पूछा था कि बिहार के बाहर की जेल में क्यों नहीं शिफ्ट किया जाए ताकि शेल्टर होम रेप केस की निष्पक्ष जांच हो सके।

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