आनंद मोहन को रिहा कर फंसी बिहार सरकार, सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
पटना। बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन को रिहा कर नीतीश कुमार की सरकार बुरी तरह फंस गई। विपक्ष और मीडिया के विरोध के बाद अब सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है। कोर्ट ने आज हत्या के आरोपी आनंद मोहन की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए बिहार सरकार नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता और जी कृष्णैया की पत्नी उमा कृष्णैया की ओर से पेश वकील सिद्धार्थ लूथरा और तान्या श्री ने आनंद मोहन की रिहाई को रद्द कर उसे फिर से जेल भेजे जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि आनंद मोहन का जेल में व्यवहार को अवश्य ध्यान में रखा गया, लेकिन दोषी के पूर्व के इतिहास को नजरअंदाज किया गया। ऐसा करना लोकहित के खिलाफ है। बिहार सरकार का यह कदम लोकसेवकों के मनोबल को तोड़ने वाला है।
हाल ही में बिहार सरकार द्वारा जेल नियमों में किये गये संशोधन के चलते यह रिहाई संभव हो पाई है। याचिका में कहा गया है कि आनंद मोहन की रिहाई सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत है। आनंद मोहन की रिहाई का फैसला गलत तथ्यों के आधार पर लिया गया है।उल्लेखनीय है कि जी कृष्णैया की 5 दिसंबर 1994 को एक भीड़ ने हत्या कर दी थी।